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केंद्र सरकार से मिली मंजूरी, भारत और ब्रिटेन 5G कनेक्टिविटी, मोबाइल रोमिंग समेत इन क्षेत्र में मिलकर करेंगे काम

भारत सरकार डिजिटिल मुहिम को तेजी से बढ़ावा दे रही है। साथ ही भारत में आने वाले दिनों में 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी होनी है। इसलिए भारत में 5G इंफ्रास्ट्रक्चर को डेवलप करने की जरूरत है। ऐसे में यह साझेदारी कई मायनों में अहम साबित हो सकती है।

By Saurabh VermaEdited By: Published: Wed, 04 Nov 2020 05:28 PM (IST)Updated: Wed, 04 Nov 2020 05:28 PM (IST)
केंद्र सरकार से मिली मंजूरी, भारत और ब्रिटेन 5G कनेक्टिविटी, मोबाइल रोमिंग समेत इन क्षेत्र में मिलकर करेंगे काम
यह दैनिक जागरण की ऑफिशियल फाइल फोटो है।

नई दिल्ली, पीआइबी. पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई। इस बैठक में टेक्नोलॉजी से जुड़े एक अहम द्विपक्षीय समझौते को मंजूरी दी गई है, जिससे भारत और ब्रिटेन टेक्नोलॉजी की दिशा में बेहतर तालमेल के साथ काम करते हुए आगे बढ़ सकेंगे। इस लेकर मिमिनिस्ट्री ऑफ कम्युनिकेशन ऑफ इंडिया और ब्रिटेन के डिजिटल, कल्चर, मीडिया और स्पोर्ट (DCMS) के बीच एक एमओयू (MoU) पर हस्ताक्षर हुए हैं। 

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5G इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट में होगी मदद 

बता दें कि बेक्जिट समझौते के बाद भारत और ब्रिटेन के बीच हुए इस द्विपक्षीय समझौते से दोनों देश टेलिकम्युनिकेशन की दिशा में मजबूती में आगे बढ़ेंगे। साथ ही दोनों देश एक दूसरे का सहयोग कर सकेंगे। बता दें कि भारत सरकार डिजिटिल मुहिम को तेजी से बढ़ावा दे रही है। साथ ही भारत में आने वाले दिनों में 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी होनी है। इसलिए भारत में 5G इंफ्रास्ट्रक्चर को डेवलप करने की जरूरत होगी। ऐसे में दोनों देशों के बीच की यह साझेदारी कई मायनों में अहम साबित हो सकती है। 

इन क्षेत्र में दोनों देश मिलकर करेंग काम 

  • टेलिकम्युनिकेशन / ICT पॉलिसी और रेग्यूलेशन
  • स्पेक्ट्रम मैनेजमेंट 
  • टेलिकम्युनिकेशन कनेक्टिविटी के साथ मोबाइल रोमिंग 
  • टेलिकम्युनिकेशन / ICT टेक्निकल स्टैंडर्ड  एंड टेस्टिंग एंड सर्टिफिकेशन 
  • वायरलेस कम्युनिकेशन 
  • 5G, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, मशीन टू मशीन, क्लाउड कंप्यूटिंग, बिग डाटा और टेलिकम्युनिकेशन के क्षेत्र में टेक्नोलॉजिकल डेवलपमेंट
  • टेलिकम्यूुनिकेशन इंफ्रास्ट्रक्चर की सिक्योरिटी, टेलिकम्युनिकेशन सर्विस के इस्तेमाल और प्रोविजन की सिक्योरिटी 

  • हाई टेक्नोलॉजी एरिया में क्षमता निर्माण करना और एक्सपर्ट नॉलेज का आदान प्रदान करना
  • उभरती टेक्नोलॉजी और इनोवेशन के रिसर्च एंड डेवलपमेंट में साथ काम करना और साझा करना 
  • टेक्नोलॉजी के जरिए ट्रेड, इन्वेस्टमेंट और टेक्नोलॉजी एक्टिविटी में एक दूसरे की मदद करना और उन्हें बढ़ावा देना। 
  • समझौते के दायरे के तहत सम्बद्ध पक्षों की ओर से जिन मुद्दों पर आपसी सहमति व्यक्त की गई है उनमें दूरसंचार/आईसीटी के क्षेत्र में अन्य प्रकार का सहयोग करना शामिल है। 

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