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BSNL ने सरकार से की 61,000 करोड़ रुपये के 5G स्पेक्ट्रम की मांग, यहां जानें पूरी खबर

भारत संचार निगम लिमिटेड यानी BSNL ने सरकार से प्रीमियम 700 मेगाहर्ट्ज फ्रीक्वेंसी रेंज के स्पैक्ट्रम की मांग की है। इसकी कीमत 61000 करोडं रुपये है। इसके अलावा कंपनी ने 4G और 5G सेवाओं के लिए मीडियम फ्रीक्वेंसी बैंड की भी मांग की है।

By Ankita PandeyEdited By: Published: Fri, 03 Jun 2022 01:27 PM (IST)Updated: Sat, 04 Jun 2022 08:28 AM (IST)
BSNL ने सरकार  से की  61,000 करोड़ रुपये के 5G स्पेक्ट्रम की मांग,  यहां जानें पूरी खबर
61,000 करोड़ रुपये के 5G स्पेक्ट्रम की मांग कर रहा है BSNL

 नई दिल्ली, टेक डेस्क। भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) चाहता है कि सरकार उसे कई फ्रीक्वेंसी बैंड में 61,000 करोड़ रुपये का स्पेक्ट्रम अलॉट करे। सूत्रों के मुताबिक, सरकारी कंपनी BSNL ने सरकार से 61,000 करोड़ रुपये के स्पेक्ट्रम प्रीमियम 700 मेगाहर्ट्ज फ्रीक्वेंसी रेंज के साथ-साथ 4G और 5G सेवाओं के लिए मीडियम फ्रीक्वेंसी बैंड आवंटित करने का आग्रह किया है।

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दूरसंचार विभाग (DoT) ने BSNL के लिए 10 मेगाहर्ट्ज़ युग्मित स्पेक्ट्रम आरक्षित करने का प्रस्ताव किया था।इसका मलतब है कि अपलिंक और डाउनलिंक के लिए रेडियो तरंगों की मात्रा - 600 मेगाहर्ट्ज बैंड में10 मेगाहर्ट्ज़ ; 3600-3670 मेगाहर्ट्ज बैंड में 40 मेगाहर्ट्ज; और 24 गीगाहर्ट्ज़ बैंड में 400 मेगाहर्ट्ज होगी। कंपनी ने भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) से इस पर विचार मांगा था। हालांकि, BSNL ने लगभग एक हफ्ते पहले दूरसंचार विभाग को लिखे पत्र में 600 मेगाहर्ट्ज फ्रीक्वेंसी रेंज में डिवाइस इकोसिस्टम की कमी के कारण 700 मेगाहर्ट्ज बैंड में 10 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम के आवंटन के लिए कहा था।

ट्राई द्वारा अनुशंसित बेस प्राइज के आधार पर, BSNL द्वारा 700 मेगाहर्ट्ज बैंड में मांगे गए स्पेक्ट्रम का मूल्य लगभग 39,000 करोड़ रुपये आता है।कंपनी ने पत्र के अनुसार, दूरसंचार विभाग द्वारा प्रस्तावित 40 मेगाहर्ट्ज के मुकाबले, 22,190 करोड़ रुपये के 3,300 से 3670 मेगाहर्ट्ज बैंड (मिड-बैंड) में 70 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की मांग की है। इस मिड-बैंड के देश में 5G सेवाओं के रोलआउट में अहम भूमिका निभाने की उम्मीद है।

बता दें कि 700 मेगाहर्ट्ज बैंड को प्रीमियम माना जाता है, क्योंकि यह मोबाइल सिग्नल की व्यापक कवरेज देता है।वर्तमान में इस क्षेत्र को आवंटित अन्य फ्रिक्वेंसी की तुलना में इस बैंड में नेटवर्क स्थापित करने के लिए सबसे कम दूरसंचार टावरों की आवश्यकता है।एक सरकारी अधिकारी के अनुसार, निजी दूरसंचार कंपनियों से मिड-बैंड में 100 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम खरीदने की उम्मीद है, जो उन्हें हाई-स्पीड 5G सेवाओं में मदद कर सकता है। यह उनके लिए पर्याप्त होगा, भले ही सरकार ने बीएसएनएल को 70 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम आवंटित किया हो।


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