भारत में आईफोन 6S Plus का ट्रायल प्रोडक्शन शुरू, हैंडसेट की कीमत में आ सकती है गिरावट
भारत में आईफोन 6S Plus के उत्पादन के बाद फोन की कीमतों में करीब 5 से 7 फीसदी तक गिरावट देखने को मिल सकती है।
नई दिल्ली(टेक डेस्क)। दुनिया की सबसे बड़ी स्मार्टफोन निर्माता कंपनियों में से एक एप्पल ने अपने आईफोन 6S Plus का ट्रायल प्रॉडक्शन भारत में शुरू कर दिया है। आईफोन 6S प्लस का ट्रॉयल प्रोडक्शन बेंगलुरु में शुरू हो चुका है। घरेलू उत्पादन के चलते फोन की कीमतों में आने वाले समय में बदलाव देखने को मिल सकता है।
क्या पड़ेगा असर?
आईफोन 6 प्लस स्मार्टफोन के भारत में उत्पादन से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। इसके साथ कीमतों में असर देखने को मिलेगा। यानी आसान भाषा में कहें तो भारतीयों के लिए ये दो तरफा फायदा है।
एप्पल के इस पहल से दूसरी कंपनियों पर क्या पड़ेगा असर?
दुनिया की सबसे बड़ी स्मार्टफोन निर्माता कंपनियों में से एक एप्पल का भारत में आईफोन SE के बाद आईफोन 6 Plus का उत्पादन करना, दूसरी बड़ी निर्माता कंपनियों को प्रोत्साहन देगा। विशेषज्ञों के मुताबिक भारत में उत्पादन करने से फोन की लागत कम होगी, जिससे फोन की भारत में बिक्री बढ़ेगी। ऐसे में आईफोन को कीमत के मामले में टक्कर देने के लिए दूसरी कंपनियों को अपना उत्पादन या तो भारत में करना होगा या फिर अपने फोन की कीमत घटानी पड़ेगी। ऐसे में अगर दूसरी कंपनियां भी भारत में उत्पादन शुरू करती हैं, तो यूजर्स को सस्ती कीमत में फोन तो मिलेंगे ही, साथ ही यूजर्स को रोजगार भी मिलेगा।
कीमतों में आएगी गिरावट
भारत में अब तक एप्पल का सिर्फ आईफोन SE मॉडल का प्रॉडक्शन होता था। इस कारण फोन की कीमत भारत में दूसरे फोन्स के मुकाबले सस्ती थी। वहीं बजट में किए गए बदलाव का असर आईफोन SE पर देखने को नहीं मिला, जहां फोन 20 फीसदी कस्टम ड्यूटी से अछूता रहा। जानकारों के मुताबिक भारत में आईफोन 6S के उत्पादन से इसके कीमत में करीब 5 से 7 फीसदी गिरावट आएगी।
आईफोन की स्क्रीन को बिना हाथ लगाए इस्तेमाल कर सकेंगे यूजर्स
स्मार्टफोन निर्माता कंपनी एप्पल जल्दी ही आइफोन में टचलेस कंट्रोल और कर्व स्क्रीन का विकल्प ला सकती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक इस फीचर के बाद आईफोन यूजर्स बिना स्क्रीन को हाथ लगाए काम कर सकेंगे। हालांकि कंपनी अभी इस प्रोजेक्ट पर काम कर रही है और अगर खबरों की माने को इसे जमीनी हकीकत देने में एप्पल को 2 साल का समय लगेगा।
एप्पल कर्व डिस्प्ले पर काम कर रहा है। ये डिस्प्ले ऊपर ने नीचे की तरफ मुड़ी होती है। एप्पल का डिस्प्ले सैमसंग से अलग होगा। ध्यान रहे कि सैमसंग का डिस्प्ले किनारे की तरफ मुड़ता है। फिलहाल एप्पल आईफोन में OLED स्क्रीन का इस्तेमाल हो रहा है। एक मीडिया संस्थान की रिपोर्ट के मुताबिक एप्पल अभी माइक्रो एलईडी तकनीक पर काम कर रहा है।
खुद का डिस्प्ले बना रहा है एप्पल
इससे पहले आई एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि एप्पल अपने स्मार्टफोन का डिस्प्ले खुद डिजाइन कर रहा है और आने समय में वो इन डिस्प्ले का उत्पादन शुरू कर देगा। कंपनी कैलिफोर्निया हेडर्क्वाटर में इस प्रोजेक्ट पर काम कर रही है, जहां कम संख्या में स्क्रीन्स का उत्पादन हो रहा है। ये उत्पादन डिस्प्ले को टेस्ट करने के लिए किया जा रहा है।
रिपोर्ट में इस बात का दावा किया गया है कि एप्पल अपने फोन की डिस्प्ले के लिए सैमसंग और एलजी पर अपनी निर्भरता खत्म करना चाहता है। अगर एप्पल अपने डिस्प्ले का उत्पादन खुद करने लगा तो इसका भारी नुकसान सैमसंग और एलजी को उठाना पड़ सकता है।
दरअसल मौजूदा समय में एप्पल अपने आईफोन एक्स और वॉच के डिस्प्ले के लिए सैमसंग और एलजी पर निर्भर है। ये दोनों ही कंपनियां एप्पल को डिस्प्ले सप्लाई करती हैं। एप्पल वॉच का डिस्प्ले जहां एलजी बनाता है, तो वहीं आईफोन एक्स का ओएलईडी डिस्प्ले सैमसंग तैयार करता है।
एप्पल के फैसले का इन कंपनियों पर क्या होगा असर
रिपोर्ट्स के मुताबिक, एप्पल के डिस्प्ले के बाजार में आने से न सिर्फ सैमसंग और एलजी को नुकसान होगा बल्कि दूसरी कंपनियों पर भी इसका असर पड़ेगा। इन कंपनियों में शार्प कॉर्प से लेकर सिनैप्टिनक्स इंक जैसी कंपनियां शामिल हैं। इसके अलावा ओएलईडी टेक्नोलॉजी में आगे मानी जाने वाली यूनिवर्सल डिस्प्ले इंक को भी नुकसान हो सकता है।
ये है एप्पल का मेगा प्रोजेक्ट
खुद का डिस्प्ले बाजार में लॉन्च करने की योजना बना रही एप्पल कंपनी ने इस प्रोजेक्ट पर काफी निवेश किया है। 62,000 वर्ग फुट में फैली जगह पर कंपनी का सीक्रेट प्लान चल रहा है। प्रोजेक्ट में लगभग 300 इंजीनियर काम कर रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक एप्पंल माइक्रो एलईडी डिस्ले विकसित करना चाहती है।
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