Move to Jagran APP

Apple ने iPhone के इस फीचर को लेकर बोला झूठ, लगा 88 करोड़ रुपये का जुर्माना, जानिए पूरा मामला

Apple iPhone मॉडल पर इससे पहले भी जुर्माना लगाया जा चुका है। दरअसल Apple ने साल 2016 में iPhone के लिए एक अपडेट जारी किया था जिससे पुराने iPhone स्लो हो गए थे। इसके चलते कंपनी पर 113 मिलियन डॉलर यानि लगभग 8.3 अरब का जुर्माना लगाया गया था।

By Saurabh VermaEdited By: Published: Tue, 01 Dec 2020 08:44 AM (IST)Updated: Tue, 01 Dec 2020 08:44 AM (IST)
Apple ने iPhone के इस फीचर को लेकर बोला झूठ, लगा 88 करोड़ रुपये का जुर्माना, जानिए पूरा मामला
यह Apple iPhone की ऑफिशियल फाइल फोटो है।

नई दिल्ली, टेक डेस्क. Apple की तरफ से iPhone के मॉडल को लेकर झूठ बोला गया था.  इसके चलते Apple कंपनी पर 10 मिलियन यूरो करीब 88 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इटली की एंटी ट्रस्ट अथॉरिटी की तरफ से Apple को iPhone मॉडल के भ्रामक विज्ञापन फैलाने का दोषी पाया गया है। इसके चलते सोमवार को कंपनी पर जुर्माना लगाने का आदेश सुनाया गया है। 

loksabha election banner

Apple कंपनी पर लगा iPhone को लेकर झूठ बोलने का आरोप

इटली की एंटी ट्रस्ट अथॉरिटी ने कहा कि Apple कंपनी ने iPhone मॉडल के वाटर रजिस्टेंस होने का काफी प्रचार-प्रसार किया। लेकिन कंपनी के डिस्क्लेमर में कहा गया है कि  फोन के तरल पदार्थ से होने वाले नुकसान के मामले में वारंटी को कवर नही किया जाएगा। साथ ही यह नही बताया गया कि आखिर किन परिस्थितियों में iphone का वाटर रजिस्टेंस फीचर काम करेगा। यह एक तरह से ग्राहकों के प्रति धोखा दिया है। फिलहाल इस मामले में अभी तक Apple की तरफ से कोई बयान नही जारी किया गया है। 

Apple पर पहले भी लग चुका है जुर्माना 

Apple iPhone मॉडल पर इससे पहले भी जुर्माना लगाया जा चुका है। दरअसल iPhone के स्लो होने के चलते Apple कंपनी पर 113 मिलियन डॉलर यानि लगभग 8.3 अरब का जुर्माना लगाया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक Apple ने साल 2016 में iPhone के लिए एक अपडेट जारी किया था, जिसके कारण पुराने iPhone स्लो हो गए थे। कंपनी ने इसके बारे में अपने यूजर्स को कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई थी। यह मामला batterygate नाम से काफी चर्चा में भी रहा। वहीं एक बार फिर से Apple इस मामले में फंसती नजर आ रही है। इस बार अमेरिका के लगभग 34 राजय मिलकर इस मुद्दे की जांच कर रहे हैं। इस मामले के सेटलमेंट के लिए कंपनी को 113 मिलियन यानि करीब 8.3 अरब का जुर्माना देना होगा। इससे पहले भी कंपनी पेनाल्टी के तौर पर 500 मिलियन डॉलर दे चुकी है।

फोन के स्लो होने का था मामला 

Apple ने साल 2016 में बिना किसी जानकारी के अपने iPhone 6, iPhone 7 और iPhone SE के लिए एक सॉफ्टवेयर अपडेट किया था। ताकि डिवाइसों पर उम्र बढ़ने वाली बैटरी फोन के प्रोसेसर को पावर स्पाइक्स न भेजें और इसे अप्रत्याशित रूप से बंद कर दें। इस अपडेट के कारण पुराने iPhone की स्पीड स्लो हो गई थी। जिसके बाद अमेरिकी राज्यों ने कहा कि कंपनी ने यूजर्स को गुमराह किया है। कंपनी को पुराने iPhone की बैटरी बदलनी चाहिए थी या फिर समस्या का खुलासा करना चाहिए था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.