Airtel vs Vodafone-Idea vs Jio: जानें पिछले 3 वर्षों में कितना और कैसे बदला टेलिकॉम मार्केट
पिछले 3 वर्षों में टेलिकॉम सेक्टर में कितना बदलाव हुआ है यह जानना यूजर्स के लिए काफी जरूरी है। इसी की जानकारी हम यहां दे रहे हैं
नई दिल्ली, टेक डेस्क। वर्ष 2019 में टेलिकॉम ऑपरेटर्स के बीच काफी कॉम्पेटीशन देखने को मिला है। वैसे तो Reliance Jio की मार्केट में एंट्री के बाद से ही टैरिफ वॉर मार्केट में चरम पर है। इसी क्रम में Jio ने कुछ ही दिन पहले IUC वाउचर पेश किए थे। सस्ते टैरिफ वाउचर्स और IUC के नए वाउचर के बीच अब Vodafone-Idea और Airtel एक दिसंबर से अपने टैरिफ प्लान्स को महंगा कर रही हैं। देखा जाए तो यह यूजर्स के एक बुरी खबर से कम नहीं है लेकिन टेलिकॉम सेक्टर को स्थिर होने के लिए यह कदम बेहद जरूरी माना जा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि पिछले कुछ समय से टेलिकॉम कंपनियों को भारी नुकसान हो रहा है। पिछले 3 वर्षों में टेलिकॉम सेक्टर में कितना बदलाव हुआ है यह जानना यूजर्स के लिए काफी जरूरी है। इसी की जानकारी हम यहां दे रहे हैं।
जानें क्यों शुरू हुई टैरिफ प्लान्स की वॉर: Reliance Jio के मार्केट में एंट्री लेने के बाद से ही Airtel, Vodafone और Idea ने भी अपने प्लान्स की कीमत को घटाकर बेनिफिट्स को बढ़ा दिया था। ऐसा इसलिए क्योंकि Jio ने मार्केट के आने के बाद यूजर्स को कुछ महीनों तक फ्री सर्विस उपलब्ध कराई थी और उसके बाद बेहद ही किफायती प्लान्स पेश किए थे। Jio ने न सिर्फ कॉलिंग फ्री करने पर ध्यान दिया बल्कि डाटा पर भी जोर दिया। Jio के मार्केट में आने के बाद से ही यूजर्स डाटा का ज्यादा इस्तेमाल करने लगे। वहीं, इंटरनेट यूजर्स की संख्या में भारी इजाफा भी हुआ। अगर वर्ष 2018 की ही बात करें तो मार्केट रिसर्च एजेंसी कानतार IMRB के अनुसार, दिसंबर 2018 तक भारत में इंटरनेट यूजर्स में 18 फीसद (वार्षिक) का इजाफा हुआ है। यह अब 566 मिलियन तक पहुंच गया है। वहीं, वर्ष 2019 में यह 627 मिलियन तक पहुंच सकता है।
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इन कंपनियों को उठाना पड़ा नुकसान: जहां एक तरफ यूजर्स को डाटा प्लान्स में फ्री कॉलिंग और SMS बेनिफिट्स दिए गए। वहीं, दूसरी तरफ Telenor, Aircel जैसे छोटी टेलिकॉम कंपनियों को इसका भारी नुकसान झेलना पड़ा। कुछ समय अपने पायदन के लिए लड़ने के बाद इन्हें मार्केट से आउट होना पड़ा। वहीं, बाकी कंपनियों की बात करें तो Airtel, Vodafone, Idea और Jio के बीच कम कीमत मे ज्यादा बेनिफिट्स की होड़ा आज भी चल रही है।
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टेलिकॉम कंपनियों को क्यों हुआ नुकसान: Reliance Jio के मार्केट में एंट्री से पहले तक अन्य टेलिकॉम कंपनियां कॉलिंग, SMS, डाटा जैसी सर्विसेज के लिए अलग-अलग प्लान्स उपलब्ध कराती थी। लेकिन Jio के मार्केट में आने के बाद कंपनी ने ऑल इन वन प्लान यानी एक ही प्लान में डाटा, कॉलिंग, SMS आदि की सुविधा उपलब्ध कराई। इसके बाद यूजर्स Jio की तरफ माइग्रेट होना शुरू हुए। इससे Airtel, Vodafone, Idea के यूजर्स में गिरावट आई। इसे रोकने के लिए ही इन टेलिकॉम कंपनियों ने भी कम्बाइन प्लान्स पेश करना शुरू किए।
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इस वर्ष अगस्त के आंकड़ों पर ध्यान दें तो Jio ने अगस्त महीने में 8.4 मिलियन सब्सक्राइबर्स को अपने साथ जोड़ा है जिसके बाद इसका यूजरबेस 348 मिलियन हो गया है। वहीं, Airtel के 5 लाख सब्सक्राइबर्स ने कंपनी का साथ छोड़ा जिसके बाद इसका यूजर बेस 327 मिलियन रह गया। वहीं, Vodafone की बात करें तो अगस्त में ही 4.9 सब्सक्राइबर्स ने कंपनी का साथ छोड़ा जिसके बाद इसका यूजरबेस 375 मिलियन रह गया। यह डाटा TRAI ने जारी किया है।
टैरिफ प्लान्स होंगे महंगे: Jio के चलते जिस तरह से टैरिफ प्लान्स की कीमतों को कम किया गया था। उसी तरह अब कंपनियों को हो रहे घाटे के चलते प्लान्स को महंगा करना एक जरूरत बन गया है। हालांकि, यह यूजर के लिए बुरी खबर है और यूजर्स इससे नाखुश भी लग रहे हैं। इस स्थिति में टेलिकॉम रेग्यूलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) अहम भूमिका निभा रहा है। आपको बता दें कि सरकार ने टेलिकॉम की अस्थिरता को दूर करने के लिए एक कमिटी का गठन भी किया है।