अब लाइट से मिलेगी 1Gbps तक की इंटरनेट स्पीट, Air France ने तकनीक किया टेस्ट
Air France ने अपने फ्लाइट में इस तकनीक को हाल ही में डेमोन्सट्रेट किया है। ये एक लाइट पर आधारित वायरलेस इंटरनेट सिस्टम है।
नई दिल्ली, टेक डेस्क। Air France दुनिया की पहली ऐसी कमर्शियल फ्लाइट ऑपरेटर बन गई है, जिसमें पैसेंजर्स को इंटरनेट कनेक्टिविटी ऑफर की जा रही है। Air France ने Oledcomm के साथ मिलकर फ्लाइट के साथ Li-Fi के जरिए इंटरनेट कनेक्टिविटी ऑफर की है। आप सोच रहे होंगे कि Li-Fi कौन सी नई तकनीक है तो आपको बता दें कि इस तकनीक में लाइट के जरिए इंटरनेट कनेक्टिविटी मुहैया कराई जाती है। ये एक लाइट पर आधारित वायरलेस इंटरनेट सिस्टम है, जिसमें 100Mbps से लेकर 1Gbps तक की स्पीड में इंटरनेट ऑफर किया जाता है। ये वायरलेस इंटरनेट की दुनिया का लेटेस्ट डेवलपमेंट है। इस तकनीक में जरिए LED बल्ब से निकलने वाली लाइट बीम्स के जरिए यूजर्स को इंटरनेट कनेक्टिविटी मुहैया कराई जा सकती है।
100Mbps से लेकर 1Gbps तक मिलती है स्पीड
Air France ने अपने फ्लाइट में इस तकनीक को हाल ही में डेमोन्सट्रेट किया है। इस साल कंपनी ने एयरप्लेन के कम्पोनेंट बनाने वाली कंपनी Latécoère ग्रुप और Oldecomm के साथ मिलकर इस नई तकनीक के लिए साझेदारी की है। Oldecomm फिलहाल LiFiMax टेक्नोलॉजी प्रोवाइड कराती है जिसमें 100Mbps की स्पीड मुहैया की जा रही है। बहरहाल, कंपनी ने दावा किया है कि 1Gpbs स्पीड को उन्होंने टेस्ट किया है। कंपनी अपनी इस टेक्नोलॉजी को CES 2020 में शोकेस करने वाली है। वहीं, नेक्स्ट जेनरेशन वाले Wi-Fi 6 सिस्टम में 2Gpbs तक की स्पीड मिल सकती है।
Li-Fi कैसे करता है काम?
Li-Fi दरअसल Light Fidelty का शॉर्ट फॉर्म है। आपको बता दें कि Li-Fi को सबसे पहले साल 2005 में डेवलप किया गया था। 2012 से Oldecomm इस तकनीक की स्पीड और रिलाइब्लिटी को टेस्ट कर रहा है। कंपनी का LiFiMax सिस्टम एक तरह का मॉडम है जिसे घर की सीलिंग में फिट किया जाता है। इससे लाइट की बीम्स निकलती हैं, जिसके जरिए इंटरनेट कनेक्टिविटी इस्टेब्लिश की जाती है। इस मॉडम को USB Dongle के जरिए कनेक्ट किया जा सकता है। Li-Fi की सबसे खास बात ये है कि ये काफी सिक्योर सिस्टम है। इसे दीवार के बाहर पेनिट्रेट नहीं किया जा सकता है, जिसकी वजह से इसे ब्रीच नहीं किया जा सकता है।
Air France ने इस तकनीक को टेस्ट करने के लिए इसे फ्लाइट के 12 सीट्स पर लगाया गया। इसके बाद चुनिंदा पैसेंजर्स को इसे टेस्ट करने का मौका दिया गया। फ्लाइट के अंदर eGaming टूर्नामेंट का आयोजन किया गया, जिसे इस तकनीक के जरिए इंटरनेट कनेक्टिविटी उपलब्ध कराई गई। पैसेंजर्स ने टीम बनाकर इस टूर्नामेंट को खेलकर इसे टेस्ट किया। ये हाई बैंडविथ और लो लेटेंसी पर भी काम करने में सफल रही, जिसकी वजह से पैसेंजर्स ने टूर्नामेंट का खूब आनंद लिया।