काम की बात! कहां से Google लाता है आपके हर सवाल के जवाब, जानें यहां
अक्सर आपके मन में सवाल उठता होगा कि आखिर गूगल किसी सवाल के जवाब कहां से ढूढ़ लाता है। किसी चीज को गूगल पर सर्च करते हैं तो उसके सर्च के पीछे एक लंबा प्रॉसेस होता है। आइए जानते हैं इसके बारे में...
नई दिल्ली, टेक डेस्क। Google आपके एक क्लिक पर आपके हर सवाल का जवाब ढूढ़ निकालता है। लेकिन क्या आपको मालूम है कि गूगल कहां से एकदम सटीक जवाब ढूढ निकालत है। अगर नहीं, तो आज हम आपको बताएंगे कि आखिर गूगल कैसे हर एक सवाल को ढूढ़ने का काम करता है। गूगल के किसी की वर्ड के सर्च करने के पीछे का क्या प्रॉसेस है? आइए जाते हैं.
Crawling
Google Search का पहला स्टेप क्राउलिंग (Crawling) होता है। गूगल पहले देखता है कि वेब पेजेज पर क्या उपलब्ध है। इसके लिए Google को लगातार पेजेज को क्रॉल करने पड़ते हैं। Google नए पेजेज को अपने इंडेक्स में लगातार जोड़ता रहता है। इस प्रोसेस को ही Crawling बोलते हैं। इसके लिए Web Crawlers के Google bot का इस्तेमाल किया जाता है।
अगर आप Google bot के बारे में नहीं जानते हैं तो बता दें कि यह एक Web Crawlers सॉफ्टवेयर है। यह Crawlers वेबपेजेज को ढूंढते हैं। इन वेबपेजेज को ढूंढकर Crawlers उन पर मौजूद लिंक्स को फॉलो करते हैं। ये Crawlers लिंक से लिंक पर जाकर डाटा इक्ट्ठा करते हैं और इन्हें Google के सर्वर पर लाते हैं। इस प्रोसेस के जरिए Google index पर नए और फ्रैश पेजेज जोड़े जाते हैं। आपको बता दें कि Google bot के एल्गोरिदम प्रोसेस के जरिए यह सेलेक्ट किया जाता है कि किस वेबसाइट को क्रॉल करना है। जिस तरह आप किसी जानकारी को सर्च करते हैं ठीक उसकी तरह Google के Web Crawlers भी काम करते हैं।
कैसे साइट क्रॉलिंग को बनाएं बेहतर
किसी भी पेज को बेहतर तरीक से क्रॉल करने के लिए सिंगल पेज के URL को Google पर सबमिट करना होता है। ऐसे में हमें अपने पेज को किसी ऐसे लिंक से लिंक करना पड़ता है जिसे Google पहले से जानता हो यानि Google के इंडेक्स में यह पेज पहले से ही मौजूद हो। अगर आप अपने किसी पेज को क्रॉल करने के लिए Google को कहते हैं तो वो होमपेज होना चाहिए क्योंकि यह आपकी साइट का अहम पेज होता है। इसके अलावा एक और चीज अहम होती है और वो है कि आपके होमपेज का साइट नेविगेशन सिस्टम अच्छा हो। आपको बता दें कि किसी भी वेबसाइट को क्रॉल करने के लिए Google पैसे नहीं लेता है कि उसकी वेबसाइट को ज्यादा से ज्यादा क्रॉल किया जाए।
Indexing
जब Crawlers को वेबपेज मिल जाता है तो कंपनी का सिस्टम उस पेज का कंटेंट चेक या रेंडर करता है। इसमें पेज कंटेंट के अलावा इमेजेज और वीडियो भी शामिल होते हैं। Google यह देखता है कि जो पेज क्रॉल किया गया है वो आखिर क्या है। यह प्रोसेस एकदम ब्राउजर द्वारा किए जा रहे सर्च की तरह होता है। इसमें कई चीजों पर ध्यान दिया जाता है जैस कीवर्ड्स और वेबसाइट का नयापन (वेबसाइट पर कुछ भी कॉपी-पेस्ट नहीं होना चाहिए। हर कंटेंट फ्रेश होना चाहिए)। सर्च इंडेक्ट में मौजूद सभी जानकारी को Google का सिस्टम ट्रैक करता है। इस स्टेप में आकर डुप्लीकेट कंटेंट को कैंसिल यानी खारिज कर दिया जाता है। यह सभी जानकारी Google Index में स्टोर की जाती है और इसे लेकर एक बड़ा डाटाबेस बनाया जाता है।
पेज इंडेक्सिंग को कैसे करें बेहतर
जब भी आप अपने पेज का टाइटल बनाएं तो उसे छोटा और अर्थपूर्ण बनाएं। ऐसा हेडिंग रखें जो आपके पेज के कंटेंट से संबंधित हो। कंटेंट को समझाने के लिए इमेजेज से ज्यादा टेक्सट का इस्तेमाल करें। ऐसा इसलिए क्योंकि Google कुछ इमेजेज और वीडियोज को समझ सकता है लेकिन जिस तरह Google टेक्सट को समझता है उस तरह नहीं।
सर्विंग रिजल्ट
जब भी हम Google पर कुछ टाइप करते हैं तो हमें हमारे सवाल से संबंधित हर जवाब मिल जाता है। हालांकि, यह कई बातों पर निर्भर करता है। इसमें सबसे ऊपर पेज रैंक होता है। इसी तरीके से आपके सामने Google हर सवाल का जवाब सेकेंड्स में ही मिल जाता है।