फायरफॉक्स और गूगल क्रोम को इस तरह रखें सुरक्षित, नहीं होगा डाटा हैक
इंटरनेट ब्राउजिंग करते समय यूजर्स को सबसे बड़ा खतरा हैकिंग का रहता है। ऐेसे में हम आपको क्रोम और फायरफॉक्स पर सेफ ब्राउजिंग करने का तरीका बताने जा रहे हैं
नई दिल्ली (टेक डेस्क)। डेस्कटॉप और स्मार्टफोन पर इंटरनेट ब्राउजिंग करने के लिए यूजर्स मोजिला फायफॉक्स या फिर गूगल क्रोम का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि इंटरनेट पर ब्राउजिंग कई बार सुरक्षित नहीं मानी जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि हैकर्स यूजर्स के निजी डाटा को इंटरनेट के माध्यम से चुराने की कोशिश करते हैं। ऐसे में ब्राउजिंग करते समय यूजर्स को अपने डाटा की सुरक्षा का खास ध्यान रखना बेहद जरुरी है। इसी के चलते हम आपको फायफॉक्स और क्रोम पर सेफ ब्राउजिंग करने का तरीका बताने जा रहे हैं। इससे यूजर्स के निजी डाटा या क्रेडिट कार्ड पासवर्ड को हैक भी नहीं किया जा सकेगा।
फायफॉक्स पर कैसे करें सेफ ब्राउजिंग:
1- यूजर्स को हमेशा यह ध्यान रखना चाहिए कि वो ब्राउजर का मौजूदा या अपडेटेड वर्जन का ही इस्तेमाल करें।
2- स्टेट्स बार में दिए गए लॉक आइकन को चेक कर दें जो यह बताता है कि आप एक सिक्योर वेबसाइट को ब्राउज कर रहे हैं।
3- इसके अलावा जब भी आप कोई ऑनलाइन भुगतान करें तो लोकेशन बार में https पर जरुर ध्यान दें। लोकेशन बार में https का होना जरुरी है।
4- फायरफॉक्स के टूल्स मेन्यू में जाकर ऑप्शन्स पर क्लिक करें। इसके बाद प्राइवेसी पर क्लिक कर पूरी ब्राउजिंग हिस्ट्री को सुरक्षित कर सकते हैं। यह तब बेहद अहम हो जाता है जब आप किसी पब्लिक कंप्यूटर का इस्तेमाल कर रहे हों। नीचे आप इससे संबंधित तस्वीर भी देख सकते हैं।
5- इंटरनेट से शॉपिंग या अपनी निजी जानकारी केवल उन्हीं वेबसाइट्स पर देनी चाहिए जो विश्वसनीय हों। बिना जांचे किसी भी वेबसाइट पर अपनी निजी जानकारी न दें। साथ ही ऑनलाइन भुगतान भी न करें।
गूगल क्रोम पर कैसे करें सेफ ब्राउजिंग:
1- क्रोम के सेटिंग पैनल पर जाएं और एडवांस पर क्लिक कर प्राइवेसी सेक्शन पर क्लिक करें। यहां आपको Use a web service to help resolve navigation errors और Use a web service to help resolve spelling errors के बॉक्स को चेक कर दें। साथ ही Enable phishing and malware protection को भी चेक कर दें।
2- इसमें एक कंटेंट सेटिंग टैब दिया गया होगा इस पर क्लिक करें। यहां से आप कंटेंट को प्रतिबंधित कर सकते हैं। उदाहरण के तौर पर: जावास्क्रिप्ट को डिसेबल करना और प्लाग-इन्स को प्रतिबंधित करना। इसके बाद क्रोम आपको ऐसे साइट्स के बारे में अलर्ट करता है जिसमें उपरोक्त कंटेंट मौजूद होते हैं।
3- अगर आप क्रोम पर अपना कोई भी पासवर्ड सेव करते हैं तो जो भी व्यक्ति आपका पीसी इस्तेमाल करेगा वो आपकी जानकारी को आसानी से एक्सेस कर सकता है। ऐसे में कभी भी आप अपने निजी और अहम पासवर्ड्स को क्रोम पर सेव न करें। ऐसा इसलिए भी है कि क्योंकि क्रोम में पासवर्ड्स को एनक्रिप्ट नहीं किया जा सकता है। जबकि फायरफॉक्स में मास्टर पासवर्ड फीचर के जरिए एनक्रिप्शन संभव है।
4- क्रोम यूजर्स का सभी डाटा जिसमें पासवर्ड और सेटिंग शामिल हैं, को सिंक कर लेता है और जब यूजर किसी दूसरी डिवाइस से लॉगइन करता है तो क्रोम उस डाटा को नई डिवाइस में सिंक कर देता है। इस समस्या के समाधान के लिए गूगल कई सिक्योरिटी फीचर्स उपल्ब्ध कराता है। इसके लिए गूगल अकाउंट सिक्योरिटी पेज पर जाकर गूगल के 2 स्टेप वेरिफिकेशन को इनेबल कर दें। इसके लिए आपको एक स्पेशल कोड एंटर करना होगा। ऐसा करने से आप जब भी किसी नए कंप्यूटर या मोबाइल से अपना अकाउंट ओपन करेंगे तो आपके फोन पर इससे संबंधित अलर्ट भेज दिया जाएगा।
5- इसके अलावा गूगल अकाउंट सिक्योरिटी पेज से आप ईमेल या फोन नोटिफिकेशन को भी ऑन कर सकते हैं। इससे अगर कोई अन्य व्यक्ति आपका अकाउंट लॉगइन करने की कोशिश करता है तो आपको इसके लिए फोन या ई-मेल पर नोटिफिकेशन भेज दिया जाता है।
6- गूगल क्रोम के लिए कई ऐसे एक्सटेंशन्स भी मौजूद हैं जो अतिरिक्त सिक्योरिटी मुहैया कराते हैं। उदाहरण के तौर पर: Web of Trust (WOT) एक्सटेंशन आपको असुरक्षित वेबसाइट्स के बारे में अलर्ट देता है। ADBlock एक्सटेंशन वेबसाइट से मालवेयर युक्त एड्स को रीमूव करता है।
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