कम रोशनी में कैसे कैप्चर करें एक Best Shot, जानें रंजन शर्मा के साथ
फोटोग्राफी की छोटी-छोटी बारीकियों से लेकर उसकी तकनीकों तक हमने रंजन शर्मा से बात की। उन्होंने एक बेहतर फोटोग्राफी कैसे की जा सकती है इसकी जानकारी हमें दी जो हम आपसे साझा कर रहे हैं
नई दिल्ली, शिल्पा श्रीवास्तवा। अगर आप एक अच्छी फोटोग्राफ चाहते हैं तो आपको लॉजिक को पीछे छोड़ना होगा, इससे आप में क्रिएटिविटी खुद ब खुद आ जाएगी। ऐसा कहना है प्रोफेशनल फोटोग्राफर रंजन शर्मा का। फोटोग्राफी एक ऐसी कला है जिसमें कोई भी व्यक्ति अपनी क्रिएटिविटी दिखा सकता है। फोटोग्राफी का शौक आज लगभग हर व्यक्ति को है। किसी भी नजारे को कैमरे में कैद करने के लिए हम फोन जेब से निकाल ही लेते हैं। हालांकि, यह जरूरी नहीं है कि आप जो फोटो कैप्चर कर रहे हैं वो एक बेहतर शॉट कहा जाए। जाहिर सी बात है कि सुधार की गुंजाइश तो हमेशा बनी ही रहती है। इन्हीं गुंजाइशों को देखते हुए बेहतर फोटोग्राफी की छोटी-छोटी बारीकियों से लेकर उसकी तकनीकों तक हमने रंजन शर्मा से बात की। उन्होंने एक बेहतर फोटोग्राफी कैसे की जा सकती है इसकी जानकारी हमें दी जो हम आपसे साझा कर रहे हैं।
एक बेहतर फोटोग्राफ के लिए क्या है जरूरी: रंजन शर्मा का कहना है कि एक बेस्ट शॉट का सार क्रिएटिविटी है। हर व्यक्ति जन्म से ही क्रिएटिव होता है। लेकिन हम उस क्रिएटिविटी को पहचान नहीं पाते हैं। क्योंकि हर कोई किसी भी काम या टास्क के पीछे लॉजिक ढूंढता है। अगर आप उस लॉजिक को छोड़ देते हैं तो आपकी क्रिएटिविटी ज्यादा निखर के आती है। उदाहरण के तौर पर उन्होंने कहा कि अगर आप लॉजिक को शटडाउन करते हैं तो आपको कई फ्रेम्स (फोटोग्राफी के लिए) मिल सकते हैं।
लो-लाइट में कैसे कैप्चर करें एक बेस्ट शॉट: लो-लाइट फोटोग्राफी को लेकर रंजन शर्मा ने बताया कि इसके लिए कोई टिप्स नहीं दिए जा सकते हैं क्योंकि यह काम टेक्नोलॉजी ने आसान कर दिया है। लो-लाइट फोटोग्राफी के लिए सबसे पहला काम जो हम सभी के जहन में आता है, वो है लाइटिंग। लो-लाइट में बेहतर फोटोग्राफी के लिए आपको ज्यादा लाइट की आवश्यकता होती है। इसके अलावा नाइट मोड रात में फोटेग्राफी के लिए काफी अच्छा विकल्प है। यह मोड लगभग अब हर फोन में दिया जाने लगा है।
रंजन ने हुआवे और वीवो का उदाहरण देते हुए बताया कि उन्होंने इन दोनों फोन्स में नाइट मोड को टेस्ट किया है। जहां वीवो में नाइट मोड में फोटो कैप्चर करने के लिए 3 सेकेंड का समय लगता है वहीं, हुआवे के फोन में यह समय 6 सेकेंड का है। एक शॉट कैप्चर करने के बाद उसे स्टेबल होने के लिए समय देना होता है। उन्होंने बताया कि Sony का एक 60MP सेंसर के कैमरे से ली गई इमेज और वीवो के फोन से ली गई इमेज में जो फोटोग्राफ बेहतर आई, वो थी वीवी की इमेज।
अगर हम रात में या लो लाइट में शूट कर रहे हैं तो जाहिर-सी बात है कि हम नाइट मोड का इस्तेमाल जरूर करेंगे। लेकिन अगर आप यह मोड ऑन करना भूल गए तो आपकी फोटो के खराब होने की संभावना ज्यादा हो जाती है। इसी परेशनी से निपटने के लिए स्मार्टफोन्स में AI तकनीक उपलब्ध कराई गई है। यह तकनीक ऑटोमैटिकली लाइट के स्तर को जांचती है और नाइट मोड ऑन करने का सुझाव देती है। अगर नाइट मोड में आपका फोन 3 सेकेंड का समय लेता है तो जब आप एक शॉट कैप्चर करेंगे तो जाहिर है कि उसमें स्टेबलाइजेशन की परेशानी आएगी। क्योंकि 3 सेकेंड तक बिना मूव किए फोटो हाथ में नहीं रह सकता है। यहीं पर काम आती है स्मार्ट टेक्नोलॉजी।
स्मार्ट टेक्नोलॉजी में 6 स्पीड गायरोसेंसर लगा होता है। सेंसर में तीन एक्सिस मौजूद होते हैं। फोटो कैप्चर करते समय तीनों एक्सिस लगातार हिलते हैं। इन तीनों एक्सिस के मूवमेंट को गायरोसेंसर रीड करता है। यह कैमरा को इनपुट देता है कि कौन-सी इमेज कौन-से एक्सिस पर कितना मूव हुई थी। आखिर में इन्हें कम्प्यूट कर वीवो का फोन 3 सेकेंड में 6 इमेज शूट करता है। वहीं, हुआवे का फोन 6 सेकेंड में 10 या 12 इमेज शूट करता है। इन सभी को मिलाकर आपको एक फाइनल फोटोग्राफ दी जाती है। इसके लिए सिर्फ आपको अपने हाथ को 3 या 6 सेकेंड तक स्टेबल रखना है जिसके लिए आपके अपनी बॉडी का सहारा ले सकते हैं। हालांकि, इसके बाद भी आपका हाथ मूव होगा लेकिन उसे गायरोसेंसर रीड कर लेगा। रंजन ने बताया कि अगर वो Sony के कैमरा की बात करें तो उसे 3 सेकेंड तक पकड़ना मुश्किल होता है और वो उतना एक्सपोजर ले भी नहीं पाता है, ऐसे में उसे अपना ISO बढ़ाना पड़ता है।
रंजन शर्मा ने लो लाइट फोटोग्राफी के लिए जो टिप्स दिए हैं वो आपके लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकते हैं और आप इन्हें ध्यान में रखकर कम रोशनी में भी एक बेहतर शॉट ले सकते हैं।