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4G और 5G स्मार्टफोन लेकर है कंफ्यूजन, तो जान लीजिए कौन सा स्मार्टफोन खरीदना होगा बेहतर ऑप्शन

सस्ते मोबाइल फ़ोन और सस्ते डेटा के कारण समाज का हर तबक़ा इसका लाभ उठा रहा है। भारत में अधिकतर आबादी अभी भी गांवों और छोटे शहरों में रहती है। उसकी जीवनशैली में 4G ने बदलाव की शुरुआत की है।

By Saurabh VermaEdited By: Published: Tue, 19 Jan 2021 07:32 PM (IST)Updated: Wed, 20 Jan 2021 07:23 AM (IST)
4G और 5G स्मार्टफोन लेकर है कंफ्यूजन, तो जान लीजिए कौन सा स्मार्टफोन खरीदना होगा बेहतर ऑप्शन
यह 5G टेक्नोलॉजी की प्रतीकात्मक फाइल फोटो है।

नई दिल्ली, टेक डेस्क। भारतीय स्मार्टफोन मार्केट में आये दिन नये-नये 5G स्मार्टफोन लॉन्च हो रहे हैं। लेकिन 5G स्मार्टफोन खरीदने को लेकर लोगों में काफी कंफ्यूजन है कि क्या 5G स्मार्टफोन को खरीदना एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है? भारत में 5G स्पेक्ट्रम नीलामी प्रक्रिया नहीं हुई है। ऐसे में क्या बिना 5G नेटवर्क के 5G स्मार्टफोन में ज्यादा पैसा खर्च करना समझदारी का सौदा होगा। आइए ढूढ़ते हैं इन्हीं सारे सवाले के जवाब विस्तार से - 

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इंटीग्रेशन विज़र्ड्स सॉल्यूशन के सीईओ कुणाल किसलय के मुताबिक 4G या 5G, कौन सा स्मार्टफोन बेहतर है? इसका जवाब होगा कि 5G एक बेहतर स्मार्टफोन होगा। लेकिन सवाल ये है कि 5G के लिए जब देश में 5G नेटवर्क ही मौजूद नही है, तो 5G स्मार्टफोन को लेकर क्या करेंगे? देश में 5G नेटवर्क का इंफ्रास्ट्रक्चर कब तक उपलब्ध होगा। इसकी भी कोई जानकारी नहीं है। भारत सरकार की तरफ से इस साल मार्च तक 5G स्पेक्ट्रम नीलामी का ऐलान किया गया है। लेकिन इसमें भी अभी लंबा वक्त लेगा। वहीं 5G नेटवर्क के लिए जिस तरह के इंफ़्रास्ट्रक्चर की ज़रूरत पड़ेगी, उसके लिए ज़रूरी निवेश इस मंदी के दौर में कहां से आएगा? 5G की स्पीड से होने वाले फ़ायदे शॉर्ट टर्म नहीं हैं और एक लम्बे वक़्त तक बिना किसी फ़ायदे के निवेश करना, बड़े ही नहीं, छोटे कारोबारियों के लिए भी मुश्किल है। तेज़ इंटरनेट का सबसे महत्वपूर्ण फ़ायदा है कनेक्टिविटी। वे गांव जहां सड़कें भी नहीं हैं, वहाँ तक 4G पहुँच गया है।

4G कनेक्टिविटी को दुरुस्त करने की जरूरत  

सस्ते मोबाइल फ़ोन और सस्ते डेटा के कारण समाज का हर तबक़ा इसका लाभ उठा रहा है। भारत में अधिकतर आबादी अभी भी गांवों और छोटे शहरों में रहती है। उसकी जीवनशैली में 4G ने बदलाव की शुरुआत की है। किसानी के पुराने तरीक़े अब बदल रहे हैं क्योंकि किसान अब दुनिया से बेहतर जुड़ सके हैं। वे अब मौसम और बीजों की भिन्न प्रजातियों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, यही नहीं, किसानी के बने ऐप्स उन्हें उनकी फ़सल के लिए बेहतर क़ीमत भी दिलाते हैं। छोटे शहरों के व्यवसायी अब ई-कॉमर्स समझ रहे हैं और अपने माल को ऑनलाइन बेच भी रहे हैं। 4G से मिल सकने वाली स्पीड उनके लिए काफ़ी है। 

5G की राह की बाधाएं 

5G को पूरी तरह देश में पहचाने के लिए पूरा इंफ़्रास्ट्रक्चर खड़ा करने में कई बाधाएँ हैं।10x ज़्यादा स्पीड देने के लिए 5G उच्च-स्पेक्ट्रम बैंड पर निर्भर करता है, जो कि कठोर सतहों के पार नहीं जा सकता। जिन शहरों में इमारतों की संख्या ज़्यादा है, वहाँ 5G की स्पीड के लिए बहुत सारे टावर बनाने पड़ेंगे। इन जगहों पर बहुत से उपभोक्ता मिलेंगे और इसकी लागत निकाल आएगी। दुनिया भर में इसलिए 5G spectrum सिर्फ़ बड़े शहरों तक पहुँचाया जा रहा है। ऐसे में रोजाना तौर पर बदलने वाली स्मार्टफोन इंडस्ट्री में बिना 5G नेटवर्क के 5G स्मार्टफोन को खरीदना एक बेहतर ऑप्शन नहीं होगा। देश में एक बार 5G नेटवर्क उपलब्ध हो जाने पर ही 5G स्मार्टफोन को खरीदना एक बेहतर विकल्प होगा। वही यह आप पर भी निर्भर करेगा कि क्या आप किसी ऐसी टेक्नोलॉजी पर ज्यादा पैसा खर्च करना चाहते हैं, जिसका इंफ्रास्ट्रक्चर देश में मौजूद ही नहीं है।

नोट - इस आर्टिकल में इंटीग्रेशन विजर्ड्स सॉल्यूशन के सीईओ कुणाल किसलय की ओर से इनपुट दिये गये हैं। कुणाल ने IIT Bombay से बी-टेक किया है और लगभग डेढ़ दशक से एडवांस्ड टेक्नॉलजी पर काम कर रहे हैं।


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