फिर विवादों में घिरा फेसबुक! क्विज एप से लीक हुआ 12 करोड़ FB यूजर्स का डाटा
कैब्रिज एनालिटिका विवाद में 8 करोड़ 70 लाख फेसबुक यूजर्स के डाटा को सार्वजनिक कर दिया गया था।
नई दिल्ली (टेक न्यूज)। कैंब्रिज एनालिटिका के बाद फेसबुक एक बार फिर विवादों में फंसता नजर आ रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक क्विज ऐप ने 12 करोड़ (120 मिलियन) फेसबुक यूजर्स के डाटा का गलत इस्तेमाल किया है। Nametests.com (नेमटेस्ट डॉट कॉम) द्वारा जानकारी मिलने के बाद एक हैकर ने इसका खुलासा किया। दरअसल यह एक पर्सनैलिटी क्विज एप्प है जो कि पिछले दो साल से (2016) अपने पास जमा डाटा को दूसरी कंपनियों से साझा कर रही है।
हैकर्स ने लगाया डाटा चोरी का पता
नेमटेस्ट वास्तव में एक जर्मन कंपनी की सहयोगी है जो कि फेसबुक के लिए क्विज, गेम और ऐप बनाने का काम करती है। हैकर ने घटना के बारे में जानकारी देते हुए कहा, 'फेसबुक ने 10 अप्रैल को डाटा के गलत इस्तेमाल से जुड़ी जानकारी देने पर ईनाम की घोषणा की थी, जिसके बाद मैंने इस तरह के डाटा की खोज करनी शुरू कर दी और फिर मुझे इसके बारे में (क्विज ऐप) में पता चला।' यह क्विज ऐप जर्मनी कंपनी सोशल स्वीटहर्ट्स के अंदर आती है जो कि 'आप किस डिज्नी कैरेक्टर की तरह नजर आते हैं?' जैसे क्विज बनाने का काम करती है।
हैकर ने फेसबुक को अप्रैल में दी थी जानकारी
हैकर ने अप्रैल माह में ही फेसबुक को उनके ईनामी कार्यक्रम के तहत इस डाटा लीक के बारे में सूचित किया था, लेकिन एक महीना बीत जाने के बाद भी इस ऐप को हटाया नहीं गया। इस अतिसंवेदनशील मुद्दे को सुलझाने में फेसबुक को एक और महीना लगा।
मालूम हो कि क्विज काफी लोकप्रिय ऐप है, यहां तक कि फेसबुक यूजर्स के लिए भी। हैकर ने nametests.com से एक क्विज लिया और फिर उसे पता चला कि कंपनी उस डाटा को किसी भी तीसरी कंपनी को साझा करती थी।
डाटा लीक से कंपनी का इनकार
हैकर ने इस बात को बताया कि कैसे क्विज के जरिए नाम, जन्मदिन, लोकेशन, उम्र जैसी कई जानकारियां एकत्र की गईं। फेसबुक यूजर के डाटा को नेमटेस्ट्स एक जावा स्क्रिप्ट फाइल में दिखाता था, जिसके बाद फेसबुक यूजर्स का डाटा कोई भी वेबसाइट्स आसानी देख सकता था। हालांकि सोशल स्वीटहर्ट्स ने अपने एक बयान में इस बात से इनकार किया है कि उसने डाटा का गलत इस्तेमाल किया।
सोशल स्वीटहर्ट्स के डाटा प्रोटेक्शन ऑफिसर ने कहा, 'मामले की पूरी गंभीरता से जांच की गई। जांच में ऐसा कोई भी सुबूत सामने नहीं आया कि जिससे यह मालूम हो सके कि यूजर्स की निजी जानकारी को किसी थर्ड पार्टी से साझा किया गया और ना ही यूजर्स के डाटा का गलत इस्तेमाल होने का कोई तथ्य सामने आया। फिर भी, सोशल स्वीटहर्ट्स पर डाटा सुरक्षा को बहुत ही संजीदगी के साथ लिया गया है और भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए कंपनी फिलहाल कई उपायों पर काम कर रही है।'
फेसबुक की सफाई
वहीं दूसरी ओर फेसबुक ने कहा कि उन्होंने इस मामले को बेहद करीब से देखा। फेसबुक ने कहा, 'हमारे द्वारा अप्रैल में लॉन्च किये गये बाउंटी कार्यक्रम जिसे फेसबुक डाटा की सुरक्षा को प्रोत्साहन देने के सिलसिले में शुरू किया गया था, के तहत एक रिसर्चर ने nametests.com के साथ इस मुद्दे की ओर हमारा ध्यान खींचा था। इसके बाद मुद्दे को सुलझाने के लिए हमने नेमटेस्ट्स डॉट कॉम के साथ उनके वेबसाइट्स पर काम किया, जो जून में पूरा हो गया।'
कैब्रिज एनालिटिका विवाद
इससे पहले भी डाटा स्कैंडल को लेकर फेसबुक विवादों में फंस चुका है, जिसके बाद कंपनी के सीईओ मार्क जुकरबर्ग को सार्वजनिक तौर पर माफी मांगनी पड़ी थी। उल्लेखनीय है कि ब्रिटेन की राजनीतिक परामर्श फर्म कैब्रिज एनालिटिका पर 8 करोड़ 70 लाख फेसबुक यूजर्स के डाटा को साझा करने का आरोप लगा था।
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