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क्या फेसबुक से उकता रहे हैं युवा? दूसरे प्लैटफॉर्म की ओर बढ़ रहा रुझान

स्नैपचैट और इंस्टाग्राम के फीचर्स यूजर्स को आ रहे ज्यादा पसंद, फेसबुक का इस्तेमाल हो रहा कम

By Sakshi PandyaEdited By: Published: Wed, 14 Feb 2018 06:13 PM (IST)Updated: Thu, 15 Feb 2018 10:46 AM (IST)
क्या फेसबुक से उकता रहे हैं युवा? दूसरे प्लैटफॉर्म की ओर बढ़ रहा रुझान
क्या फेसबुक से उकता रहे हैं युवा? दूसरे प्लैटफॉर्म की ओर बढ़ रहा रुझान

नई दिल्ली(टेक डेस्क)। एक समय युवाओं के लिए एक-दूसरे से जुड़े रहने का क्रांतिकारी प्लेटफॉर्म फेसबुक अपने दबदबे को खो सकता है। न्यूयॉर्क मार्केट रिसर्च के मुताबिक ई-मार्केटर, किशोर और युवा फेसबुक की जगह स्नैपचैट और इंस्टाग्रम जैसे प्लेटफॉर्म पसंद कर रहे हैं। रिसर्च रिपोर्ट में कहा गया है कि स्नैपचैट और इंस्टाग्रम जैसे सोशल नेटवर्क प्लेटफॉर्म पर फिल्टर और लेंस जैसे नए फीचर्स हैं। इनकी मदद से तस्वीरों को आकर्षक इफेक्ट दिए जा सकते हैं। इन्ही खूबियों की वजह से युवा पीढ़ी फेसबुक की जगह ये प्लेटफॉर्म ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं।

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यह फेसबुक की परेशानियां गिनाने वाली नवीनतम रिपोर्ट है। इससे पहले भी कई रिपोर्ट्स सामने आ चुकी हैं, जिनसे संकेत मिलता है कि फेसबुक अपनी चमक खो रही है। रिसर्च कंपनी ने आशंका जताई है कि अमेरिका में पहली बार ऐसा हो सकता है कि 18-24 साल उम्र की युवा पीढ़ी के बीच फेसबुक की लोकप्रियता में इस साल 5.8 फीसदी गिरावट आए। इसमें यह भी कहा गया है कि 12-17 साल उम्र के आधे से कम बच्चे फेसबुक इस्तेमाल करें। इनमें इस सोशल नेटवर्क की लोकप्रियता 5.6 फीसदी घट सकती है।

न्यूयॉर्क मार्केट रिसर्च की रिपोर्ट में जो आशंका जताई गई हैं, यदि वे सही साबित हुई तो कंपनी के मुनाफे में भारी गिरावट आ सकती है, जिसका असर इसके शेयर पर नजर आ सकता है। वैसे भी इन दिनों शेयर बाजार में गिरावट का रुझान है। ऐसे में यह रिपोर्ट आग में घी डालने का काम कर सकती है।

इससे पहले, सोशल मीडिया कंपनी के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने बताया की पिछले साल अपनी सेवाओं में बदलाव के तहत साईट पर 50 मिलियन घंटे प्रति दिन या 5 प्रतिशत तक का टाइम स्पेंट कम हो गया है।

जुकरबर्ग ने लिखा- '' पिछले क्वार्टर में हमने कुछ वायरल वीडियोज दिखने के लिए बदलाव किए। ये बदलाव इसलिए किए गए की यूजर्स साइट पर ज्यादा समय व्यतीत करें। कुल मिलाकर, हमने फेसबुक पर कुछ ऐसे बदलाव कर दिए जिसके परिणामस्वरूप यूजर्स साइट पर लगभग 50 मिलियन घंटे प्रति दिन कम समय बिताने लगे। बेहतर कम्युनिटी और बिजनस से जुड़ने के बाद आने वाले समय में हम और बेहतर प्लेटफार्म साबित होंगे। ''

कंपनी ने कंटेंट को लेकर भी बदलाव करने शुरू कर दिए हैं। फेसबुक को फेक न्यूज फैलाने और अन्य हिंसक सामग्री के सन्दर्भ में काफी आलोचना का सामन करना पड़ा था। पिछले वर्ष अप्रैल में एक फेसबुक यूजर्स ने एक वृद्ध पुरुष को जान से मारते हुए अपना वीडियो शूट कर के साइट पर अपलोड कर दिया था।

पिछले वर्ष नवम्बर में जुकरबर्ग ने कहा था की - '' मैं यह साफ कर देना चाहता हूं की हमारे लिए मुनाफा कमाने से ज्यादा समुदाय की सुरक्षा मायने रखती है। ''

डिजिटल एक्टिवेशन के डाइरेक्टर Ben Hovaness के अनुसार- टाइम स्पेंट में कमी के चलते कंपनी को न्यूज फीड में अतिरिक्त एड डालने की जरुरत पड़ सकती है।


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