करना चाहते हैं प्रोफेशनल फोटोग्राफी, इन बातों का जरूर रखे ध्यान
मेगापिक्सल से लेकर इमेज सेंसर तक में कई ऐसे अंतर हैं जिन्हें यूजर्स आपस में मिला देते हैं।
नई दिल्ली(टेक डेस्क)। क्या आपको भी फोटोग्राफी का शौक है? या कहें कि फोटोग्राफी आपका पैशन है? अगर इन सवालों का जवाब हां हैं तो हमारी ये खबर आपके काम की है। हम आपको फोटोग्राफी से जुड़े कुछ टर्म्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनके फीचर्स के बारे में शायद ही आपको पता होगा। जानते हैं इन टर्म्स के बारे में,
Megapixel
जैसे एक स्वेटर छोटे-छोटे रेशों को मिला कर बनता है, वैसे ही आपकी फोटो छोटे-छोटे डॉट(जिसे पिक्सल कहते हैं) से बनी होती है। फोटो में जिनता ज्यादा पिक्सल होगा फोटो उतनी ही ज्यादा अच्छी देखेगी। यानी फोटो का क्वालिटी पिक्सल पर निर्भर करती है। इसलिए किसी भी पिक्चर की क्वालिटी उसके पिक्सल से नापी जाती है। 1080 पिक्सल से ज्यादा क्लियर 1920 पिक्सल होता है। वैसे ही 3200 पिक्सल से उपर का फोटो 4k क्वालिटी का माना जाता है।
Lens
लेंस को आसान भाषा में समझें तो लेंस कैमरे की आंख होती है। यानी जितना अच्छा लेंस उतनी ही अच्छी क्वालिटी। इसलिए अगर आप किसी फोटोग्राफर से बात करेंगे तो वो आपको अच्छे लेंस लेने की सलाह देता है। लेंस 5 हजार से लेकर लाखों रुपये तक का आता है। ज्यादा लेंस मतलब ज्यादा जानकारी। लेंस जितना ज्यादा जानकारी देगा इमेज सेंसर उतनी ही जानकारियों को रिकॉर्ड करेगा। जरूरत के मुताबिक लेंस का इस्तेमाल होता है। जैसे स्पोर्ट्स के लिए अलग और वाइल्ड फोटोग्राफी के लिए अलग।
Image Sensor
कभी आपने सोचा है कि डीएसएलआर के 18 मेगापिक्सल की फोटो क्वालिटी फोन के 25 मेगापिक्सल की क्वालिटी से क्यों कम आती है? इसका जवाब है डिवाइस का सेंसर। दरअसल कैमरा के लेंस से जो भी इमेज आती है वो इमेज सेंसर पर रिकॉर्ड होती है। इसलिए जितना बड़ा सेंसर होता है उतनी ही ज्यादा जानकारी रिकॉर्ड होती है और फोटो का क्वालिटी उतनी ही अच्छी आती है। फोन का इमेज सेंसर छोटा होता है और डीएसएलआर का बड़ा। हालांकि अब स्मार्टफोन कंपनियां ज्यादा अच्छे सेंसर देने लगी हैं।
Shutter Speed
शटर स्पीड एक तरह के कैमरे की आंखों की पुतली है। शटर जितना ज्यादा देर तक खुला रहता है उतनी ज्यादा रौशनी सेंसर पर पड़ती है।
White Balance
यह फीचर आपके डिवाइस को एक स्टेबल करल देने में मदद करता है। जैसे कड़ी धूप में कंडीशन अलग होती है तो घर के अंदर अलग, ऐसे में फोटो की क्वालिटी में कोई असर न पड़े इसलिए फोटोग्राफर्स व्हॉइट बैलेंस का इस्तेमाल करते हैं।
ISO
कम रौशनी में बेहतर पिक्चर क्वालिटी के लिए इस फीचर का इस्तेमाल होता है। आईएसओ सेंसर की सेंसटिविटी बढ़ाता है। अगर आप सामान्य फोटो को 100 आईएसओ पर रिकॉर्ड करते हैं तो कम रौशनी में आप इसे बढ़ा कर 5600 से भी उपर तक ले जा सकते हैं। हालांकि ऐसा करने पर फोटो की क्वालिटी में अंतर आ जाता। फोटो पर आपको सफेद रंग के धब्बे दिखाई देने लगेंगे।
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