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Android Go, Android One और Stock Android का आपकी फोन पर क्या पड़ता है असर, जानें

‘एंड्रॉइड वन’, ‘एंड्रॉइड गो’ और ‘स्टॉक एंड्रॉइड’ ये तीनों ही गूगल के अलग-अलग वैरियंट हैं।

By Shridhar MishraEdited By: Published: Wed, 08 Aug 2018 09:02 PM (IST)Updated: Sun, 12 Aug 2018 12:21 PM (IST)
Android Go, Android One और Stock Android का आपकी फोन पर क्या पड़ता है असर, जानें
Android Go, Android One और Stock Android का आपकी फोन पर क्या पड़ता है असर, जानें

नई दिल्ली(टेक डेस्क)। साल 2007 में गूगल ने आधिकारिक रूप से एंड्रॉइड इको सिस्टम को यूजर्स के सामने पेश किया था। हालांकि इस घोषणा से पहले एंड्रॉइड एक छोटी कंपनी थी जिसका नाम Android Inc. था। इस कंपनी के सीईओ थे एंडी रूबिन। एड्रॉइड को नाम मिला लेटिन शब्द Androides से जिसका मतलब है रोबोट जैसा इंसान। एंड्रॉइड एक ऑपरेटिंग सिस्टम है जिसे शुरू में टच स्क्रीन स्मार्टफोन के लिए बनाया गया था। एंड्रॉइड का पहला वर्जन ‘एंड्रॉइड कपकेक’ था जो साल 2009 की पहली तिमाही में लॉन्च हुआ था। इसके बाद उसी साल ‘एंड्रॉइड डॉनट’ आया। एंड्रॉइड ने समय के साथ अपनी वराइटी और वर्जन दोनों बदले। हाल के सालों में ‘एंड्रॉइड वन’, ‘एंड्रॉइड गो’ और ‘स्टॉक एंड्रॉइड’ यूजर्स के लिए पेश किए गए। आज हम आपको इन तीन टर्म्स के बारे में बताएंगे। इसके साथ यह भी बताएंगे कि इनमें क्या अलग है और ये कैसे आपके फोन पर असर डालते हैं।

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क्या है गलतफहमियां

यूजर्स अक्सर ‘एंड्रॉइड वन’, ‘एंड्रॉइड गो’ और ‘स्टॉक एंड्रॉइड’ को आपस में मिला देते हैं। लेकिन इन तीनों को समझने का एक आसान तरीका है। जैसे एंड्रॉइड नॉगट, एंड्रॉइड ओरियो और एंड्रॉइड पी ये अलग-अलग वर्जन हैं वैसे ही में ‘एंड्रॉइड वन’, ‘एंड्रॉइड गो’ और ‘स्टॉक एंड्रॉइड’ अलग-अलग वैरियंट हैं।

स्टॉक एंड्रॉइड

जिन स्मार्टफोन्स में गूगल के ओरिजिनल ऑपरेटिंग सिस्टम से छेड़-छाड़ नहीं होता है उसे ‘स्टॉक एंड्रॉइड’ स्मार्टफोन कहा जाता है। दरअसल एंड्राइड दो तरह के होते हैं। एक ‘स्टॉक एंड्रॉइड’ और दूसरा ‘स्किन एंड्रॉइड’। अगर गूगल के ऑपरेटिंग सिस्टम में किसी तरह का बदलाव या फिर छेड़-छाड़ होता है तो वो ‘स्किन एंड्रॉइड’ है। ‘स्किन एंड्रॉइड’ में स्मार्टफोन कंपनियां अपने एप्स और फीचर्स को फोन में जोड़ देती है। उदाहरण के लिए शाओमी और सैमसंग के कई स्मार्टफोन्स में आपको कंपनी के कई ऐप्स मिलते हैं जैसे सैमसंग प्ले। ये स्मार्टफोन्स ‘स्किन एंड्रॉइड’ की कैटेगरी में आते हैं।

‘स्टॉक एंड्रॉइड’ को आसान भाषा में समझें तो एक सादा सा फोन जिसमें आपको केवल गूगल के एप्स मिलते हैं। इनमें कंपनी या कोई भी दूसरे एप्स आपको फोन में इंस्टॉल किए नहीं मिलते हैं। हालांकि आप इन एप्स को गूगल प्ले स्टोर पर जाकर फ्री में डाउनलोड कर सकते हैं। गूगल अपने अपडेट्स सबसे पहले स्टॉक एंड्रॉइड में देता है।

‘एंड्रॉइड वन’

‘एंड्रॉइड वन’ को सबसे पहले भारत में लॉन्च किया गया था। इसे उन यूजर्स के लिए लॉन्च किया गया था जो 10 हजार रुपये से कम कीमत में स्मार्टफोन खरीदना चाहते थे। हालांकि समय के साथ कंपनी ने अपनी रणनीति बदली है और अब इसे मिड रेंज स्मार्टफोन में भी पेश किया जा रहा है। Xiaomi Mi A2 ‘एंड्रॉइड वन’ का सबसे लेटेस्ट स्मार्टफोन है। ‘एंड्रॉइड वन’ में उन निर्माता कंपनियों को छूट दी गई जो फोन के हार्डवेयर पर ज्यादा फोकस कर रहे थे बजाए फोन के सॉफ्टवेयर पर। ‘स्टॉक एंड्रॉइड’ की तरह ‘एंड्रॉइड वन’ में भी गूगल सबसे पहले अपडेट जारी करता है।

‘एंड्रॉइड गो’

‘एंड्रॉइड गो’ को कम रैम या स्टोरेज वाले स्मार्टफोन्स के लिए बनाया गया है। इसके अलावा ‘एंड्रॉइड गो’ को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह कम डाटा का इस्तेमाल करता है। ‘जीमेल-गो’, ‘मैप्स-गो’ और ‘यूट्यूब-गो’ जैसे गूगल के ऐप्स इन स्मार्टफोन को स्पोर्ट करने के लिए बनाए गए हैं। यानी अगर आप उन जगहों पर फोन का इस्तेमाल कर रहे हैं जहां कम नेटवर्क आता है, या फिर आपके फोन में कम डाटा है या आपके फोन में कम रैम है, तो ‘एंड्रॉइड गो’ स्मार्टफोन आपके लिए सबसे बेहतर विकल्प है।

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