Zoon Ban in India: लाखों भारतीयों के डाटा लीक के बाद भारत में Zoom ऐप के बैन का इंतजार
Zoon Ban in India वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप Zoom के प्रतिबंध को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पिछले दिनों एक याचिका दाखिल की गई थी।
नई दिल्ली, टेक डेस्क। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप Zoom के प्रतिबंध को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पिछले दिनों एक याचिका दाखिल की गई थी। मामले की सुनवाई में कोर्ट ने केंद्र सरकार से चार हफ्तों में जवाब मांगा है। साथ ही अमेरिका स्थित जूम वीडियो कम्यूनिकेशन को जबाव-तलब किया है। कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा कि Zoom ऐप राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है और इससे भारत में साइबर हमलों और साइबर अपराध में इजाफा दर्ज किया जा सकता है। Zoom ने भी स्वीकार किया कि उसके प्लेटफॉर्म से भारतीयों का डाटा लीक हुआ। ऐसे में अब तक करोड़ों की संख्या में भारतीयों का डाटा लीक हो चुका है। लेकिन फिर भी Zoom ऐप के अभी बैन का इंतजार है।
सुप्रीम कोर्ट में लाखों की संख्या में मामले लंबित
हालांकि सवाल यह है कि आखिर किसी ऐप को प्रतिबंधित करने के लिए क्या सुप्रीम कोर्ट ही रास्ता है और क्यों शुरुआती तौर ही प्राइवेसी उल्लंघन करने वाले ऐप की जांच के लिए कोई एजेंसी नहीं है। भारत में आमतौर पर जब कोई ऐप काफी फेमस हो जाता है, उसके बाद उसके प्राइवेसी उल्लंघन को लेकर सवाल उठते हैं। फिर मामला हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचता है, जहां पहले से लाखों की संख्या में मामले मौजूद होते हैं, जिन्हें वर्षों से न्याय का इंतजार है। एक बार सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश अदालतों में लंबित मामलों पर चिंता जताते हुए भावुक हो चुके हैं।
ऐप बैन के लिए कोर्ट ही रास्ता
पिछले साल नवंबर में केंद्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसके मुताबकि भारतीय सुप्रीम कोर्ट में करीब 59,867 मामले लंबित है। जबकि 44.75 लाख अन्य मामले देशभर के हाईकोर्ट में लंबित हैं। इतना ही नहीं जिला अदालत और उसकी सहायक कोर्ट में करीब 3.14 लाख से ज्यादा मामले लंबित हैं।
पॉप्युलर होने के बाद Zoom ऐप की सिक्योरिटी को लेकर उठे सवाल
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग एप जूम (Zoom) लॉकडाउन में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला ऐप बन गया है। भारत जूम का सबसे बड़ा बाजार है। जूम वीडियो कॉलिंग ऐप को भारत में सबसे ज्यादा डाउनलोड किया गया है। Zoom ऐप को इस साल अप्रैल में इसे 13.1 करोड़ लोगों ने डाउनलोड किया है। भारत में लॉकडाउन में तेजी से पॉप्युलर होने वाले ऐप के बाद ही इसकी सिक्योरिटी को लेकर सवाल उठने लगे हैं। सरकार ने भी डाटा सिक्यॉरिटी के खतरे को देखते हुए इस ऐप को डाउनलोड ना करने की सलाह दी थी। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि 5 लाख से ज्यादा जूम ऐप यूजर्स का डाटा लीक हुआ और इसे एक रुपये से भी कम कीमत में बेचा गया। Zoom की तरह Tiktok की सिक्युरिटी को लेकर भी सवाल उठाए जा चुके हैं और Tiktok को भी भारत में प्रतिबंध की मांग उठ चुकी है।
भारत में प्राइवेसी उल्लंघन करने वाले लाखों ऐप मौजूद
भारत में लाखों की संख्या में प्राइवेसी उल्लंघन करने वाले ऐप्स मौजूद हैं। Google ने पिछले दिनों संदिग्ध तौर पर स्मार्टफोन यूजर्स की जासूसी करने वाले करीब 800 Creepware Apps को Play Store से हटाया है। Google के प्राइवेसी नॉर्म्स को लेकर भी लंबे वक्त से सवाल उठाए जा रहे थे। लेकिन जब Creepware मोबाइल फोन यूजर्स के लिए फ्यूचर थ्रेट बन गए, तो उन्हें तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया। हालांकि रिसर्चर की ओर से गूगल प्ले स्टोर से हटाए गए ऐप्स के नाम का खुलासा नहीं किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक गूगल प्लेस्टोर पर करीब 1095 Creepware ऐप्स मौजूद हैं। इसमें से 813 खतरनामक ऐप को हटाया गया है।
(Written by- Saurabh Verma)