इंदौर-पटना एक्सप्रेस हादसे में बिछड़ों को मिलवा रहा है व्हाट्सएप
व्हाट्सएप हमारी और आपकी जिंदगी में कितना अहम साबित हो रहा है, इसका अंदाजा कानपुर हादसे के बाद व्हाट्सएप की भूमिका से लगाया जा सकता है।
नई दिल्ली| व्हाट्सएप हमारी और आपकी जिंदगी में कितना अहम साबित हो रहा है, इसका अंदाजा कानपुर हादसे के बाद व्हाट्सएप की भूमिका से लगाया जा सकता है। कानपुर में हुए इंदौर-पटना एक्सप्रेस हादसे में कई लोगों ने अपने खोए तो कई अपनों से बिछड़ गए। हादसे के बाद सब अपनों को ही तलाशते रहे। इसके कुछ दिन बाद अब लोग अपनों से मिलने लगे हैं। और इसमें सबसे अहम भूमिका निभाई है व्हाट्सएप ने। परिवार से बिछड़े लोग व्हाट्सएप के जरिए एक-दूसरे से मिल रहे हैं।
इस हादसे ने 146 से ज्यादा लोगों की जान ले ली। जो जिंदा बचे वे भी अंजान चेहरों में अपनों को तलाश रहे हैं। ऐसे में अस्पताल में घायलों का इलाज कर रहे डॉक्टर्स उनके लिए मसीहा बनकर आए हैं।
कैसे व्हाट्सएप आया काम?
अपनों से मिलाने के लिए डॉक्टर्स ने एक नई तरकीब ढूंढ निकाली है। डॉक्टर्स ना ही सिर्फ उनका इलाज कर रहे हैं बल्कि उनके परिवार वालों से मिलाने में भी उनकी मदद कर रहे हैं। जैसे ही कोई घायल उनके अस्पताल में आता है वे उसकी फोटो खींच के व्हाट्सएप के जरिए आस-पास के अस्पतालों में भेज देते हैं। जिससे दूसरे अस्पतालों में ढूंढ रहे उनके परिजनों को पता चल जाए कि वे कौन से अस्पताल में हैं।
कानपुर के अस्पताल घायलों से भरे हुए हैं। ऐसे में डॉक्टर्स की ये कोशिश उनके लिए बड़ी राहत है। व्हाट्सएप के जरिए डॉक्टर्स अब तक कई घायलों को उनके परिजनों से मिलवा चुके हैं।