विवाद के बीच परेश बी. लाल बनें WhatsApp के ग्रीवांस ऑफिसर, यूजर्स यहां दर्ज करा पाएंगे अपनी शिकायत
WhatsApp ने नये आईटी रूल्स के तहत जिन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के 50 लाख से ज्यादा यूजर्स हैं उन्हें ग्रीवांस ऑफिसर नोडल ऑफिसर और चीफ कम्पलायंस ऑफिसर नियुक्त करना अनिवार्य है। यह सभी अधिकारी भारत के रहने वाले होने चाहिए।
नई दिल्ली, पीटीआई। WhatsApp New Privacy Policy: इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप WhatsApp अपनी नई प्राइवेसी को लेकर पिछले काफी समय से चर्चा में बना हुआ है। हालांकि अब WhatsApp ने विवाद के बीच परेश बी. लाल को अपना ग्रीवांस ऑफिसर नियुक्त कर दिया है। WhatsApp की वेबसाइट से इसका खुलासा हुआ है। दरअसल WhatsApp ने नये आईटी रूल्स के तहत परेश बी. लाल की नियुक्ति की है, जो पिछले हफ्ते से देशभर में सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए लागू हो गये हैं। जिन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के 50 लाख से ज्यादा यूजर्स हैं, उन्हें ग्रीवांस ऑफिसर नोडल ऑफिसर और चीफ कम्पलायंस ऑफिसर नियुक्त करना अनिवार्य है। यह सभी अधिकारी भारत के रहने वाले होने चाहिए।
यूजर यहां कर सकते हैं कॉन्टैक्ट
WhatsApp की वेबसाइट के मुताबिक यूजर परेश बी. लाल से कॉन्टैक्ट कर सकते हैं, जो कि ग्रीवांस ऑफिसर हैं। इन्हें तेलंगाना के हैदराबाद स्थित बंजारा हिल्स के पते पर शिकायत भेजी जा सकती है। हालांकि शुरुआत में ग्रीवांस अधिकारी की नियुक्ति पर WhatsApp की तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया था। वहीं अन्य डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे Google ने नये सोशल मीडिया रूल्स को फॉलो करते हुए अपनी वेबसाइट को अपडेट करना शुरू कर दिया है। Google के' Contact Us' पेज पर Jeo Grier का नाम दिख रहा है, जिनका पता Mountain View, US दिख रहा है। वहीं Youtube ने भी ग्रीवांस अधिकारी की डिटले दर्ज कर दी है।
क्या है नई गाइडलाइन
- सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को भारत में नोडल ऑफिसर, रेसिडेंट ग्रीवांस ऑफिसर तैनात करना होगा।, जो इंडिया में बेस्ड होगा। इस ऑफिसर को 15 दिनों के भीतर ओटीटी कंटेंट के खिलाफ मिलने वाली शिकायतों का निवारण करना होगा।
- नई गाइडलाइन के तहत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को एक मंथली रिपोर्ट जारी करनी होगी, जिसमें शिकायतों और उनके निवारण की जानकारी होगी। साथ ही किन पोस्ट और कंटेंट को हटाया गया और इसकी क्या वजह थी। इसके बारे में विस्तार से जानकारी देनी होगी। सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के पास इंडिया का फिजिकल पता होना चाहिए, जो कंपनी के मोबाइल ऐप और वेबसाइट पर दर्ज होना चाहिए।
- नए दिशा-निर्देशों के अनुसार शिकायत के 24 घंटे के अंदर इंटरनेट मीडिया से आपत्तिजनक कंटेंट को हटाना होगा। इसके अलावा कंपनियों को एक शिकायत निवारण तंत्र रखना होगा और शिकायतों का निपटारा करने वाले ऑफिसर को भी रखना होगा। 24 घंटे में शिकायत का पंजीकरण होगा और 15 दिनों में उसका निपटारा होगा
- केंद्र की मानें, तो नये रूल्स को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के गलत इस्तेमाल को रोकने के हिसाब से डिजाइन किया गया है।