Koo ने नए सेफ्टी फीचर्स किये लॉन्च, उल्टे-सीधे कमेंट होंगे 5 सेकेंड में गायब, गलत इन्फॉर्मेशन पर लगेगी रोक
Koo App New Feature पॉपुलर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म KOO ऐप ने अपने प्लेटफॉर्म पर कई नए फीचर को जोड़ा है। ये फीचर यूजर की सेफ्टी को ध्यान में रखकर बनाये गए हैं। प्लेटफॉर्म पर उल्टे-सीधे और अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने वाले यूजर को 5 सेकेंड के अंदर वार्निंग मिलेगा।
नई दिल्ली, टेक डेस्क। भारत के माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म Koo ने यूजर को सुरक्षित और सुरक्षित सोशल मीडिया अनुभव प्रदान करने के लिए डिज़ाइन की गई नई एक्टिव मॉडरेशन फीचर के लॉन्च की घोषणा की है। इन-हाउस डेवलप फीचर 5 सेकंड से भी कम समय में किसी भी प्रकार की न्यूडिटी या बाल यौन शोषण कंटेंट का एक्टिव रूप से पता लगाने और ब्लॉक करने, गलत सूचनाओं को लेबल करने और प्लेटफॉर्म पर उल्टे-सीधे कमेंट और हेट स्पीच को छिपाने में सक्षम हैं। कंपनी लगातार प्लेटफॉर्म से ऐसे कंटेंट को हटाने के लिए काम कर रही है।
सेफ्टी फीचर
न्यूडिटी:
कू का इन हाउस 'नो न्यूडिटी एल्गोरिद्म' सक्रिय रूप से और तत्काल पता लगाता है और यूजर द्वारा बाल यौन शोषण कंटेंट या नग्नता या यौन कंटेंट वाली तस्वीर या वीडियो अपलोड करने के किसी भी प्रयास को रोकता है। ये पता लगाने और ब्लॉक करने में 5 सेकंड से भी कम समय लगता है।
उल्टे-सीधे और अभद्र भाषा:
सक्रिय रूप से 10 सेकंड से कम समय में उल्टे-सीधे कमेंट और अभद्र भाषा का पता लगाता है और छुपाता है या हटा देता है, ताकि वे सार्वजनिक रूप से देखने के लिए उपलब्ध न हों।
हिंसा:
अत्यधिक खून / जमा हुआ खून या हिंसा वाली कंटेंट को यूजर के लिए चेतावनी के साथ ओवरले किया जाता है।
MisRep Algorithm फीचर:
Koo का इन-हाउस 'MisRep Algorithm' उन प्रोफाइल के लिए प्लेटफॉर्म को लगातार स्कैन करता है और उन्हें ब्लॉक करता है, जो अकाउंट किसी किसी बड़े सेलिब्रेटी का कंटेंट या फोटो या वीडियो या डिटेल का इस्तेमाल करते हैं। कंपनी का दावा है कि पता चलने पर जानी-मानी शख्सियतों की तस्वीरें और वीडियो तुरंत प्रोफाइल से हटा दिए जाते हैं, और ऐसे अकाउंट को भविष्य में खराब व्यवहार की निगरानी के लिए फ्लैग कर दिया जाता है।
गलत सूचना का इस्तेमाल:
कू का इन-हाउस ‘Misinfo & Disinfo Algorithm’ सक्रिय रूप से और वास्तविक समय में, सभी वायरल और रिपोर्ट की गई नकली खबरों को सार्वजनिक और निजी स्रोतों के आधार पर स्कैन करता है, ताकि किसी पोस्ट पर गलत सूचना का पता लगाया जा सके और उसे लेबल किया जा सके।