सावधान! जिसे आप ऑफिशियल एप समझ रहे हैं कहीं वह वायरस तो नहीं
आप गूगल प्ले स्टोर से जिसे फेसबुक या व्हाट्स एप समझ कर डाउनलोड कर रहे हैं असल में वह malicious apps हो सकते हैं
आप गूगल प्ले स्टोर से जिसे फेसबुक या व्हाट्स एप समझ कर डाउनलोड कर रहे हैं असल में वह malicious apps हो सकते हैं।हजारों एंड्रायड एप्स विभिन्न वेबसाइट्स पर डाउनलोड के लिए उपलब्ध है, लेकिन आपके डिवाइस की सुरक्षा के लिए यह नुकसानदायक भी हो सकते हैं।ये malicious apps आपकी डिवाइस को auto-root कर सकते हैं और फिर वास्तव में उन्हें हटाना असंभव हो जाता है। यह बात एक सिक्योरिटी रिसर्चर ने बताई है।
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एक सिक्योरिटी फर्म के अनुसार, इसप्रकार के हानिकारक वायरस एप्स के 20,000 सैंपल पाएं गए हैं। यह एप्स खुद को बहुत सारे लोकप्रिय एप्स का ऑफिशियल वर्जन बताकर छलते हैं जैसे- Facebook, Google Now, Candy Crush, WhatsApp आदि। फिर यह एप्स आपकी डिवाइस को root कर देते हैं।यह डिवाइस के होस्ट की तरह एक्ट करके ज्यादा वायरस अटैक को न्यौता देते हैं। भारत भी उन देशों में से एक है,जो ऐसे वायरस एप्स से प्रभावित है।
फर्म द्वारा जारी रिपोर्ट इस बात का खुलासा करती है कि इन एप्स को डेवलप करने के पीछे बहुत बड़े सॉफ्टवेयर खिलाडियों का हाथ है, जो ऑफिशियल एप के जैसा ही कंटेंट रीपैकेज करते हैं, लेकिन यह एप्स malicious code के साथ बने होते हैं। फिर अटैकर्स इन एप्स को थर्ड पार्टी एप स्टोर पर अपलोड कर देते हैं।
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इन वायरस अटैक के बारे में खास बात यह है कि ये एप्स पूरी तरह फंक्शनल नजर आते हैं और ऑफिशियल एप्स की तरह का ही यूजर को एक्सपीरियंस देते हैं। इसलिए विक्टिम को शक नहीं हो पाता कि यह ओरिजनल एप है या उसके रूप में वायरस।
ज्यादा खतरनाक बात यह है कि इन एप्स की एक्सेस system-level तक है, यह डिवाइस को असुरक्षित बना देते हैं। एक बार जब एप system-level एक्सेस गेन कर लेता है, तो यह अन्य एप्स के पासवर्ड को पा लेता है और ऐसे में डिवाइस से इसे रिमूव करना लगभग नामुमकिन हो जाता है।