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क्या 2 सितंबर से 9 सितंबर तक बंद रहेंगे बैंक, जानें इस मैसेज का पूरा सच

वॉट्सऐप पर बैंक से संबंधित एक मैसेज वायरल हो रहा है जिसमें कहा गया है कि बैंक लंबी अवधि के लिए बंद रहेंगे

By Shilpa Srivastava Edited By: Published: Fri, 31 Aug 2018 10:32 AM (IST)Updated: Fri, 31 Aug 2018 07:24 PM (IST)
क्या 2 सितंबर से 9 सितंबर तक बंद रहेंगे बैंक, जानें इस मैसेज का पूरा सच
क्या 2 सितंबर से 9 सितंबर तक बंद रहेंगे बैंक, जानें इस मैसेज का पूरा सच

नई दिल्ली (टेक डेस्क)। वॉट्सऐप पर फेक मैसेजेज का सिलसिला जारी है। हाल ही में एक और मैसेज वायरल हो रहा है जिसमें कहा गया है कि भारत में बैंक 2, 3, 4, 5, 8 और 9 सितंबर को बंद रहेंगे। आपको बता दें कि यह एक फेक मैसेज है। बैंकों की तरफ से ऐसी कोई भी जानकारी नहीं आई है। वहीं, अभी तक यह नहीं पता चल पाया है कि यह मैसेज कहां से वायरल होना शुरू हुआ है। हालांकि, सरकार ने वॉट्सऐप को अपने प्लेटफॉर्म पर एक ऐसा फीचर एड करने को कहा है जिसकी मदद से किसी भी मैसेज को जहां से सबसे पहले भेजा गया है उसका पता लगाया जा सके।

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जानें बैंक के वायरल मैसेज के पीछे का सच?

आपको बता दें कि बैंक इतने लंबे समय के लिए बंद नहीं रहेंगे। बैंक केवल 2 सितंबर (रविवार) और 3 सितंबर (जनमाष्टमी) के लिए बंद रहेंगे। इसके अलावा बैंक खुले रहेंगे। दरअसल, सरकार ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के ऑफिसर्स और कर्मचारियों की पेंशन की डिमांड को खारिज कर दिया है जिसके चलते RBI के यूनियन फ्रंट ने 4 और 5 सितंबर को हड़ताल की घोषणा की है। आपको बता दें कि यह हड़ताल केवल RBI के यूनियन फ्रंट की तरफ से है इसमें बाकि के बैंक कर्माचारियों की कोई भूमिका नहीं है। इसी के चलते ही यह फेक मैसेज वायरल किया गया कि बैंक 2 तारीख से 9 तारीख तक बंद रहेंगे।

वॉट्सऐप को लेकर मोदी सरकार सख्त:

वॉट्सऐप पर फेक मैसेज को लेकर मोदी सरकार ने सख्त संदेश दिया है। मोदी सरकार ने कंपनी को भारत में काम करने के लिए कॉरपोरेट यूनिट बनाने और फेक मैसेज के ओरिजनल सोर्स का पता लगाने के लिए तकनीकी समाधान ढूंढने को कहा है। इस मामले को लेकर आईटी मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद ने वॉट्सऐप के प्रमुख क्रिस डेनियल्स से मुलाकात की। रविशंकर ने कहा कि वॉट्सऐप पर मॉब लिचिंग और फेक न्यूज को रोकने की सख्त जरुरत है। ऐसे में कंपनी को इस पर लगाम लगाने के लिए समाधान ढूंढना होगा।

आसान है ओरिजनल सोर्स का पता लगाना:

रविशंकर ने बताया कि वॉट्सऐप से भारत में फेक न्यूज रोकने के लिए एक कंपनी बनाने को कहा गया है। साथ ही किसी भी फेक मैसेज को फैलाने वाले ओरिजनल सोर्स का पता लगाने को भी कहा गया है। इसके अलावा रविशंकर ने कहा कि किसी भी मैसेज का सोर्स पता लगाना कोई रॉकेट साइंस नहीं है। बस वॉट्सऐप के पास इसका पता लगाने के लिए एक मैकेनिज्म होना चाहिए।

कंपनी को यूजर डाटा का एक्सेस नहीं- वॉट्सऐप

वॉट्सऐप ने कहा है कि वो यूजर के डाटा को एक्सेस नहीं कर सकती है क्योंकि ये एंड-टू-एंड एनक्रिप्टेड होते हैं। एक्सपर्ट्स की मानें तो यूजर डाटा का बहुत छोटा सा हिस्सा ही अस्थायी रुप से कैशे किया जा सकता है। इससे यूजर्स इस डाटा का ऑफलाइन एक्सेस कर सकते हैं। लेकिन उनके सर्वर पर यूजर डाटा को स्टोर नहीं किया जाता है। डाटा सिर्फ यूजर की डिवाइस पर ही स्टोर किया जा सकता है। एक टेक्नोलॉजी कंपनी के सीनियर एग्जीक्यूटिव ने कहा कि अगर डिस्क्रिप्शन की बात होती है तो सिर्फ वॉट्सऐप ही नहीं बल्कि ऐप्पल और गूगल की मैसेजिंग सर्विसेज में भी मौलिक परिवर्तन लाने की जरुरत होगी।

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