Vastu Tips: भूलकर भी पूजाघर में इस दिशा में न रखें दीपक, धन हानि के साथ तरक्की में आएगी रुकावट
Vastu Tips For Diya हिंदू धर्म में दीपक को बहुत अधिक महत्व दिया गया है। क्योंकि इसे सकारत्मकता और जीवन का भी प्रतीक माना जाता है। इसी कारण रोजाना पूजा के समय दीपक जलाने का रिवाज है। जानिए दीपक जलाने की सही दिशा के बारे में।
नई दिल्ली, Vastu Tips For Diya: वास्तु शास्त्र में आम दिनचर्या के कार्यों में बदलाव के साथ-साथ व्यक्ति के स्वभाव से लेकर बोलने, बैठने और सोने तक के तरीकों के बारे में विस्तार से बताया गया है। इसके अलावा वास्तु में पूजा घर को लेकर भी कई नियम बताए गए हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार, देवी-देवता की पूजा करते समय हर एक चीज का सही जगह पर होना बेहद जरूरी है। क्योंकि पूजा की चीज जैसे कलश, अगरबत्ती, दीपक या अन्य सामग्री सही दिशा में न रखी जाए तो व्यक्ति के घर में सकारात्मक ऊर्जा की कमी हो जाती है और पूजा का पूर्ण फल भी नहीं मिलता है। इसी तरह पूजा करते समय दीपक की लौ किस दिशा में होना चाहिए। यह जानना बेहद जरूरी है। क्योंकि गलत दिशा में लौ होने पर धन हानि के साथ घर की सुख-शांति चली जाती है। जानिए किस दिशा में दीपक की लौ होना है सही और किस दिशा में नहीं।
इस दिशा में न रखें दीपक
दक्षिण दिशा
वास्तु शास्त्र के अनुसार, इस दिशा में दीपक की लौ नहीं होना चाहिए। मान्यता है कि इस दिशा में दीपक की लौ होने से धन हानि का सामना करना पड़ता है। क्योंकि इस दिशा को यमराज की दिशा माना जाता है। इसलिए भूलकर भी इस दिशा की ओर दीपक की लौ नहीं रखनी चाहिए।
इस दिशा में दीपक ही लौ होना है बेस्ट
पूर्व दिशा में दीपक
मान्यता है कि दीपक की लौ पूर्व दिशा की ओर होना शुभ होता है। इस दिशा में दीपक जलाने से जातक लंबी उम्र पाता है।
पश्चिम दिशा
वास्तु के हिसाब से पश्चिम दिशा में दीपक जलाना शुभ माना जाता है। दीपक की लौ इस ओर रखने से हर समस्या से छुटकारा मिल जाता है। मान्यता है अगर आपको किसी भी तरह का दुख हैं, तो इस दिशा की ओर लौ करके दीपक जलाएं।
उत्तर दिशा
उत्तर दिशा में भी दीपक की लौ होना शुभ माना जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, इस दिशा में दीपक के लौ होने पर धन लाभ होता है।
दीपक जलाते समय बोले ये मंत्र
वेद-शास्त्रों के अनुसार, दीपक को जलाते समय इस मंत्र को जरूर बोलना चाहिए। इससे व्यक्ति के सभी कामों पर अच्छा फल पड़ता है। इसके साथ ही धन लाभ होता है।
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