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Happy New Year 2022: साल के पहले दिन करें ये काम घर में आएगी पॉजिटिविटी

Happy New Year 2022 सनातन धर्म में तोरण और स्वास्तिक चिन्ह को शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि घर के मुख्य द्वार पर तोरण लगाने और स्वास्तिक चिन्ह बनाने से घर में धन का आगमन होता है। साथ ही नकारात्मक शक्ति का अंत होता है।

By Umanath SinghEdited By: Published: Fri, 31 Dec 2021 09:02 PM (IST)Updated: Sat, 01 Jan 2022 02:08 PM (IST)
Happy New Year 2022: साल के पहले दिन करें ये काम घर में आएगी पॉजिटिविटी
Happy New Year 2022: साल के पहले दिन करें ये काम घर में आएगी पॉजिटिविटी

Happy New Year 2022: कोरोना काल में नए साल को लेकर लोगों में उत्साह और उमंग है। लोग बेसब्री से नववर्ष के इंतज़ार में हैं। कोरोना महामारी के चलते पिछले दो वर्षों से लोगों ने कठिन दौर का सामना किया है। इसके लिए लोगों की नजर और उम्मीद नव वर्ष पर टिकी है। कोरोना महामारी की वजह से सभी क्षेत्रों पर व्यापक असर पड़ा है। इससे आम जनजीवन पर भी व्यापक असर पड़ा है। बड़ी संख्या में लोगों की नौकरी चली गई। व्यापर क्षेत्र से जुड़े लोगों को कारोबार में नुकसान उठाना पड़ा है। इन वजहों से डिप्रेशन के मरीजों की संख्या में बड़ी तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है। अतः हर कोई नया साल का आगाज शानदार तरीके से करना चाहता है। अगर आप भी नए साल के पहले घर में पॉजिटिविटी लाना चाहते हैं, तो वास्तु के इन नियमों का जरूर पालन करें-

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-सनातन धर्म में तोरण और स्वास्तिक चिन्ह को शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि घर के मुख्य द्वार पर तोरण लगाने और स्वास्तिक चिन्ह बनाने से घर में धन का आगमन होता है। साथ ही नकारात्मक शक्ति का अंत होता है। अतः नव वर्ष के पहले दिन घर के मुख्य द्वार पर आम, अशोक या पीपल के पत्तों का लगाएं। साथ ही स्वास्तिक चिन्ह और रंगोली भी बनाएं।

-घर पर तुलसी अथवा शमी का पौधा लगाएं। अगर पहले से हैं, तो उनकी पूजा करें। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का आगमन होता है। ऐसी मान्यता है कि शमी पेड़ की पूजा करने से रिद्धि-सिद्धि के दाता भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं। उन्हें विघ्नहर्ता भी कहा जाता है। उनकी कृपा से व्यक्ति के जीवन में व्याप्त सभी दुखों का अंत होता है। अतः प्रथम दिन माता लक्ष्मी संग भगवान गणेश जी की पूजा अवश्य करें।

-नव वर्ष के प्रथम दिन मासिक शिवरात्रि है। इस दिन भगवान शिवजी और माता पार्वती की पूजा करने का विधान है। अतः स्नान-ध्यान से निवृत होकर देवों के देव महादेव और मां अन्नपूर्णा यानी आदिशक्ति की पूजा-पाठ करें। शिव स्तुति, शिव चालीसा और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें। अगर संभव है, तो पूजा समापन के हवन जरूर करें। आप चाहे तो हवन सामग्री भी जला सकते हैं। इससे नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है। वहीं, घर में सकारात्मक शक्ति का आगमन होता है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'


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