Move to Jagran APP

समस्‍त इच्‍छा पूर्णकारक इस मंत्र से बढ़कर अन्य कोई पवित्र मंत्र पृथ्वी पर नहीं है

इस मंत्र के विधिपूर्वक जाप एवं गायत्री उपासना से अकिंचन भी ज्ञानी-ध्यानी बन सकता है। रोगी रोगमुक्त हो जाता है। निर्धन, धनी बन जीवन के संतापों से मुक्ति पा सकता है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 18 Apr 2017 12:19 PM (IST)Updated: Wed, 19 Apr 2017 09:54 AM (IST)
समस्‍त इच्‍छा पूर्णकारक इस मंत्र से बढ़कर अन्य कोई पवित्र मंत्र पृथ्वी पर नहीं है
समस्‍त इच्‍छा पूर्णकारक इस मंत्र से बढ़कर अन्य कोई पवित्र मंत्र पृथ्वी पर नहीं है

हिंदू धर्म में मां गायत्री को वेदमाता कहा जाता है अर्थात सभी वेदों की उत्पत्ति इन्हीं से हुई है। गायत्री को भारतीय संस्कृति की जननी भी कहा जाता है। हिंदू संस्कृति में मां गायत्री की महिमा अपरंपार है। उनकी शक्ति अद्वितीय है, चिर नवीन है, असंदिग्ध है।

loksabha election banner

गायत्री मंत्र- ऊं भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्’,

सभी मंत्रों में सर्वशक्तिमान मंत्र है। इस मंत्र के विधिपूर्वक जाप एवं गायत्री उपासना से अकिंचन भी ज्ञानी-ध्यानी बन सकता है। रोगी रोगमुक्त हो जाता है। निर्धन, धनी बन सकता है। कुकर्मी, सुकर्मी बन सकता है। जीवन के संतापों से मुक्ति पा सकता है। अभावों का नाश कर खुशहाल जीवन जी सकता है।हिंदू धर्म में मां गायत्री को पंचमुखी माना गया है जिसका अर्थ है यह संपूर्ण ब्रह्मांड पांच तत्त्वों-जल, वायु, पृथ्वी, तेज और आकाश से बना है। संसार में जितने भी प्राणी हैं, उनका शरीर भी इन्हीं पांच तत्त्वों से बना है। इस पृथ्वी पर प्रत्येक जीव के भीतर गायत्री प्राण शक्ति के रूप में विद्यमान है। यही कारण है गायत्री को सभी शक्तियों का आधार माना गया है। भारतीय संस्कृति में आस्था रखने वाले हर प्राणी को प्रतिदिन गायत्री उपासना अवश्य करनी चाहिए।

गायत्री मंत्र की महिमा महान है, आत्मसाक्षात्कार के जिज्ञासुओं के लिए यह मंत्र ईश्वर का वरदान है, केवल गायत्री मंत्र ही समर्थ गुरु के सतत सान्निध्य के बिना आत्म साक्षात्कार कराने में समर्थ है। गायत्री को गुरु मंत्र कहा गया है। मां गायत्री इतनी ममतामयी हैं कि वे अपने भक्तों को ज्यादा देर बिलखते नहीं देख सकतीं। वे प्रसन्न होने पर अपने भक्तों और श्रद्धालुओं को चारों पुरुषार्थ-धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष का तुरंत ही दान कर देती हैं। मां गायत्री को कामधेनु की संज्ञा भी दी जाती है। हम अच्छा बनने, अच्छा करने और अच्छा दिखने की कामना के साथ यदि मां की उपासना करते हैं तो निश्चित ही चमत्कार घटित होता है। धर्म ग्रंथों में यह भी लिखा है कि गायत्री उपासना करने वाले की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं तथा उसे कभी किसी वस्तु की कमी नहीं होती। गायत्री से आयु, प्राण, प्रजा, पशु, कीर्ति, धन एवं ब्रह्मवर्चस के सात प्रतिफल अथर्ववेद में बताए गए हैं, जो विधिपूर्वक उपासना करने वाले हर साधक को निश्चित ही प्राप्त होते हैं। विधिपूर्वक की गई उपासना साधक के चारों ओर एक रक्षा कवच का निर्माण करती है व विपत्तियों से उसकी रक्षा करती है। मां गायत्री वेदों की माता है, जननी है। यह वेद-वेदांग आध्यात्मिक व भौतिक उन्नति, ज्ञान-विज्ञान का अक्षुण्ण भंडार अपने में समेटे है। अतः गायत्री उपासना भक्ति कल्याण का साधन है, इसी से हम उन्नति, सुखमय जीवन के स्वामी व द्पथगामी बन सकते हैं।

भगवान मनु कहते हैं कि जो पुरुष प्रतिदिन आलस्य त्याग कर तीन वर्ष तक गायत्री का जप करता है, आकाश की तरह व्यापक परब्रह्म को प्राप्त होता है। मां गायत्री की साधना और उपासना सच्चे मन से एकाग्र होकर करने वाले साधक को अमृत, पारस, कल्पवृक्ष रूपी लाभ सुनिश्चित रूप से प्राप्त होता है। गायत्री मंत्र को जगत की आत्मा माने गए साक्षात देवता सूर्य की उपासना के लिए सबसे सरल और फलदायी मंत्र माना गया है। यह मंत्र निरोगी जीवन के साथ-साथ यश, प्रसिद्धि, धन व ऐश्वर्य देने वाली होती है। लेकिन इस मंत्र के साथ कई युक्तियां भी जुड़ी हैं। अगर आपको गायत्री मंत्र का अधिक लाभ चाहिए तो इसके लिए गायत्री मंत्र की साधना विधि विधान और मन, वचन, कर्म की पवित्रता के साथ जरूरी माना गया है। वेदमाता मां गायत्री की उपासना 24 देवशक्तियों की भक्ति का फल व कृपा देने वाली भी मानी गई है। इससे सांसारिक जीवन में सुख, सफलता व शांति की चाहत पूरी होती है। खासतौर पर हर सुबह सूर्योदय या ब्रह्म मुहूर्त में गायत्री मंत्र का जप ऐसी ही कामनाओं को पूरा करने में बहुत शुभ व असरदार माना गया है।  भगवान व्यास कहते हैं- जिस प्रकार पुष्पों का सार मधु, दूध का सार घृत और रसों का सार पय है, उसी प्रकार गायत्री मंत्र समस्त वेदों का सार है। गायत्री वेदों की जननी और पाप-विनाशिनी हैं, गायत्री-मंत्र से बढ़कर अन्य कोई पवित्र मंत्र पृथ्वी पर नहीं है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.