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श्रीकृष्ण की बताई गई ये 4 बातें, कलियुग में जिंदगी आसान बना सकती है

श्रीमद्भागवत गीता में भगवान कृष्ण ने कई नीतियों के उपदेश दिए हैं. जो आज कलियुग में भी सार्थक है.

By Pratima JaiswalEdited By: Published: Mon, 20 Nov 2017 07:36 PM (IST)Updated: Wed, 17 Jan 2018 01:25 PM (IST)
श्रीकृष्ण की बताई गई ये 4 बातें, कलियुग में जिंदगी आसान बना सकती है
श्रीकृष्ण की बताई गई ये 4 बातें, कलियुग में जिंदगी आसान बना सकती है

आधुनिक जीवन में सफलता का अर्थ पैसों और सुख-सुविधा की चीजों से जुड़ा हुआ है. आप जितना भी धन कमा लेंगे दुनिया आपको उतना ही कामयाबी कहेगी, अंधाधुध पैसे कमाने की होड़ में कोई व्यक्ति ये नहीं सोचता कि उससे भौतिक दुनिया की सुख-सुविधा कमाने के कारण कितने पाप हो गए हैं. 

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श्रीमद्भागवत गीता में भगवान कृष्ण ने कई नीतियों के उपदेश दिए हैं. इसमें बताए गए एक श्लोक के अनुसार, जो मनुष्य ये 4 आसान काम करता है, उसे निश्चित ही स्वर्ग की प्राप्ति होती है. ऐसे मनुष्य के जाने-अनजाने में किए गए पाप कर्म माफ हो जाते हैं और उसे नर्क नहीं जाना पड़ता. आइए, जानते हैं उन कामों के बारे में. 

दान 

दान करने का अर्थ है किसी जरूरतमंद को वो चीज निशुल्क उपलब्ध करवाना, जिसे पाने में वो अक्षम है. दान करने से पहले या बाद किसी को भी दान के बारे में नहीं बताना चाहिए. दान को हमेशा गुप्त ही रखना चाहिए. 

आत्म संयम 

कई बार ऐसा होता है कि हमारा मन और दिमाग दोनों विपरीत दिशा में चलते हैं और हम अधर्म कर बैठते हैं. गीता में दिए गए ज्ञान के अनुसार मन को वश में कर लेने से व्यक्ति द्वारा किसी पाप को करने की संभावना रहती है. 

सत्य बोलना 

कलियुग में सत्य और असत्य का पता लगाना मुश्किल हो गया है. किसी भी व्यक्ति की बात को सुनने मात्र से ये नहीं कहा जा सकता कि वो झूठ बोल रहा है या सच. अगर आपने भूतकाल में कोई गलत काम किया है, तो आप शेष बचे जीवन में हमेशा सत्य बोलकर पापों का प्रायश्चित कर सकते हैं. 

ध्यान या जप 

आधुनिक युग में ऐसे लोग बहुत कम बचे हैं, जो रोजाना ध्यान करते हो. पूजा-पाठ भगवान को प्रसन्न करने के लिए नहीं बल्कि स्वंय का स्वंय से मिलन करवाने के लिए की जाती है. आत्मध्यान करके हम आत्मसाक्षात्कार कर सकते हैं. नियमित रूप से स्वच्छ मन से जप या ध्यान करने से भूल से हुई गलतियों से पार पाया जा सकता है.


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