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माहे रमजान का इस साल शुभारंभ 7 जून से

रमजान की तैयारियां शुरू हो गईं। इस्लामी जंतरी ( कैलेंडर ) में समय-सारणी आ गई है। इफ्तार व सहरी का समय भी तय हो गया है। माहे रमजान का इस साल शुभारंभ 7 जून से हो सकता है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 31 May 2016 02:46 PM (IST)Updated: Wed, 01 Jun 2016 10:30 AM (IST)
माहे रमजान का इस साल शुभारंभ 7 जून से

रमजान की तैयारियां शुरू हो गईं। इस्लामी जंतरी ( कैलेंडर ) में समय-सारणी आ गई है। इफ्तार व सहरी का समय भी तय हो गया है। माहे रमजान का इस साल शुभारंभ 7 जून से हो सकता है।हो सकता पहला रोजा 15 घंटे 13 मिनट का होगा। पहले दिन सहरी अलसुबह 3:21 बजे तक है। रोजेदार इफ्तार शाम 6:34 बजे करेंगे। आखिरी रमजान की सेहरी अलसुबह 3:26 बजे और इफ्तार शाम 6:40 बजे होगा। वहीं आखिरी रोजा छह जुलाई को होगा। मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि मॉनसून समय पर आने की सूचना है। मॉनसून अगर समय पर रहा तो रोजेदारों को गर्मी ज्यादा परेशान नहीं करेगा।

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आने वाले 7 जून ने रोज़ा शुरू होने जा रहा है। रमजान का महीना गर्मी के मौसम में आ रहा है और आनेवाले 12 साल तक गर्मी में ही आएंगे। जिससे लोगों को रोज़ा रहने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। जून के पहले हफ़्ते से रमज़ान शुरु होने वाले हैं जून में जहां उत्तर भारत में गर्मी अपने शबाब पर रहती है। अगर छह जून को चांद का दीदार होता है तो सात जून से रमज़ान शुरु हो जाएंगे। पहले रोजे में सहरी सुबह 3:35 बजे और इफ़्तार शाम 7:13 बजे होगी। 17 वें रोजे (23 जून) में सुबह 3:35 बजे सहरी होगी और शाम 7:19 बजे इफ्तार किया जाएगा। 17वां रोज़ा रमज़ान माह का सबसे बड़ा रोज़ा होगा। इस्लामिक कैलेंडर के हिसाब से इससे बड़ा रोज़ा नहीं होता और 36 साल बाद ऐसा होता है। इससे पहले 1980 में 15 घंटा 44 मिनट का रोज़ा हुआ था।

छह जुलाई को हो सकती है ईद

सात जून से अगर रमजान शुरू होते हैं तो छह जुलाई को ईद होगी। इससे पहले सात दिन यानी 29 जून से रोजे खत्म होने तक इफ्तार का समय शाम 7:15 बजे रहेगा। जबकि सहरी का समय बदलेगा। इधर, मौसम विज्ञानियों के अुनसार जून में मानसून आने के आसार दिख रहे हैं। इसलिए इस पूरे महीने मौसम बदलता रहेगा। इससे रोजेदारों को गर्मी से राहत मिल सकती है।

इस्लाम में 14 साल से ऊपर के उम्र वालों को बालिग करार दिया गया है। इसलिए इनका रोजा रखना फर्ज़ है। भूखे पेट रहने से ही रोज़ा नहीं होता। आंख, कान, नाक, मुहं आदि का भी रोजा होता है। इस पूरे महीने रोज़ेदारों को अल्लाह की इबादत करनी चाहिए और दान पूण्य करना चाहिए।

रमजान में प्यास से बचने के टिप्स

आपको पानी की प्यास महसूस न हो इसलिए आप सेहरी के वक़्त दो चम्मच दही में छोटी इलायची मिलाकर पी ले। इससे पुरे दिन भर अफ्तार के वक़्त तक आपको प्यास नहीं लगेगी। और आपका हर रोज़ा आराम से गुजर जाएगा।


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