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जीवन में व्युत्क्रम का सिद्धांत

जब हम विफलता पर चिंतन कर स्वयं में सुधार लाते हैं, तब हम सफलता का वरण करते हैं। व्युत्क्रम का सिद्धांत हमारे जीवन में काम आता है...

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 14 May 2015 11:26 AM (IST)Updated: Thu, 14 May 2015 11:36 AM (IST)
जीवन में व्युत्क्रम का सिद्धांत

जब हम विफलता पर चिंतन कर स्वयं में सुधार लाते हैं, तब हम सफलता का वरण करते हैं। व्युत्क्रम का सिद्धांत हमारे जीवन में काम आता है...

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बहुत छोटी अवस्था से ही कार्ल जैकोबी (कार्ल गुस्ताव जैकब जैकोबी) ने हर विषय पर गहरी पकड़ बना ली थी, लेकिन किशोरवय तक पहुंचते-पहुंचते उन्होंने अपना सारा ध्यान गणित पर केंद्रित कर दिया। परिणाम यह हुआ कि 25 वर्ष की आयु में वह यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर के पद पर पहुंच गए। किसी भी जर्मन यूनिवर्सिटी में वह पहले यहूदी प्रोफेसर थे।

यहां हम कार्ल जैकोबी की गणितीय उपलब्धियों पर बात नहीं करेंगे। दरअसल, जैकोबी ने गणित में एक ऐसी विधि पर प्रमुखता से काम किया, जो हमारे दैनिक जीवन की कठिन से कठिन समस्याओं के समाधान की राह सुझा सकती है। गणित की उस विधि का नाम है व्युत्क्रमण (उल्टा)। इसे अंग्रेजी में इन्वर्शन कहते हैं। हमारे जीवन की कठिनाइयों के निवारण में इन्वर्शन हमारी मदद कैसे कर सकता है? इसके लिए आप किसी ऐसी बात के बारे में सोचिए, जिसके होने की आप चाह करते थे, लेकिन हुई नहीं। शायद आपका चयन किसी खास परीक्षा या नौकरी के लिए नहीं हुआ या किसी खास व्यक्ति से आपका विवाह नहीं हो सका। कोई भी ऐसी बात जो हो न सकी। फिर उन कारणों की खोज कीजिए या बातों के बारे में सोचिए जिनकी वजह से आपको इन मोर्चों पर असफलता उठानी पड़ी। शायद आपने किसी खास विषय या लेसन की तैयारी में कमी कर दी होगी। शायद आप इंटरव्यू में किसी सवाल का अपेक्षित उत्तर नहीं दे पाए होंगे। शायद आपने किसी खास व्यक्ति के मन की बात जानने में देरी या समझने में गलती कर दी होगी। जिस कारण से भी आप असफल हो गए हों, उस पर अपना ध्यान केंद्रित करना और उसे दोबारा होने नहीं देना ही आपकी नीति होनी चाहिए। आप पाएंगे कि सफल होने के अधिकाश मामलों में यह फैक्टर काम करता है। जो तत्व आपकी पराजय का कारण बन सकते हों, उन्हें अधिक प्रयास और बल का प्रयोग करके परास्त करने पर सफलता का द्वार खुलता है। आप सफल तब होते हैं, जब आप असफल होने के कारणों का निदान पर लेते हैं। यही जीवन में व्युत्क्रम का सिद्धांत है।

इसे किसी जटिल समस्या के उत्पन्न होने पर अमल में लाइए। उस सबसे बड़े कारण या खतरे की खोज कीजिए जो आपकी राह का पत्थर है और अपनी सारी शक्ति का प्रयोग उसे राह से हटाने में लगा दीजिए।


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