Move to Jagran APP

दशरथ जी ने हाथ में बालू का पिंड लिया था

आश्रि्वन कृष्ण नवमी शनिवार त्रिपाक्षिक श्रद्ध का दशम दिवस है। उक्त तिथि को रामगया तीर्थ, भरताश्रम एवं सीताकुंड तीन वेदियों पर श्रद्ध होता है। उक्त वेदियां विष्णुपद मंदिर के सामने फल्गु नदी पार करके नागकूट पर्वत पर थोड़ी ऊंचाई पर है। सर्वप्रथम रामगया तीर्थ पर श्राद्ध होता है। यहां एक शिला पर दीवाल के सहारे सीताराम मूर्ति है। मूर्ति के सामन

By Edited By: Published: Sat, 28 Sep 2013 01:17 PM (IST)Updated: Sat, 28 Sep 2013 01:22 PM (IST)
दशरथ जी ने हाथ में बालू का पिंड लिया था

आश्रि्वन कृष्ण नवमी शनिवार त्रिपाक्षिक श्रद्ध का दशम दिवस है। उक्त तिथि को रामगया तीर्थ, भरताश्रम एवं सीताकुंड तीन वेदियों पर श्रद्ध होता है। उक्त वेदियां विष्णुपद मंदिर के सामने फल्गु नदी पार करके नागकूट पर्वत पर थोड़ी ऊंचाई पर है। सर्वप्रथम रामगया तीर्थ पर श्राद्ध होता है।

loksabha election banner

यहां एक शिला पर दीवाल के सहारे सीताराम मूर्ति है। मूर्ति के सामने शिला पर श्राद्ध का पिंड समर्पित होता है। यहां से पश्चिम समीप में ही भरत जी द्वारा स्थापित रामेश्वर महादेव है तथा काठ से निर्मित बलराम, सुभद्रा और जगन्नाथ माधव की मूर्तियां हैं। यह पवित्र स्थान भरताआश्रम कहलाता है। यहां पिंडदान नहीं होता। ये वेदियां दर्शनीय हैं। भरत जी ने यहां सीता-राम व लक्ष्मण की मूर्तियों को स्थापित किया था। ये मूर्तियां भी पूजन मात्र से पितृमोक्ष दायक हैं। भरताश्रम से पश्चिम सीताकुंड वेदी है। यहां दशरथ जी के हाथ में बालू का पिंड देती हुई सीता की मूर्ति है।

बालू के तीन पिंड यहां समर्पित किए जाते हैं। समीप से ही वामनावतार भगवान की अति प्राचीन मूर्ति हैं। यहां पिंडदान नहीं होता बल्कि दर्शन-नमस्कार होता है। इस तीर्थ में दर्शन नमस्कार की वेदियां अधिक हैं। दशरथ जी ने पूत्रवधू सीता से बालू के पिंड की याचना की थी। श्रीराम की अनुपस्थिति में सीता से बालू का पिंड पाकर दशरथजी मुक्त हुए थे। पिंड सामग्री लेकर आए श्रीराम को इस घटना पर विश्वास नहीं हुआ। इस घटना की सत्यता को एकमात्र गयाधाम में अक्षयवट तीर्थ में स्थित वट वृक्ष ने पुष्ट किया था। प्रलय काल में अक्षय रहने का वरदान सीता द्वारा वटवृक्ष को मिला था। प्रत्यक्ष द्रष्टा गौ, केतकी पुष्प एवं फल्गु नदी को इस संबंध में असत्य भाषण करने पर सीता का शाप प्राप्त हुआ था।

मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.