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अमरनाथ यात्रा पर जाने से पहले क्या करें और क्या ना करें

अगर आप अमरनाथ यात्रा पर जा रहें हैं तो जाने से पहले ये कुछ खास तैयारी अवश्य कर लें जिससे आपको किसी भी तरह की परेशानी का सामना नही करना पड़ें। 1. क्या-क्या करें- अपने साथ पर्याप्त गर्म कपडे़ रखें, क्योंकि तापमान एकदम से पांच डिग्री तक गिर सकता है। यात्रा मार्ग पर मौसम कभी भी बिगड़

By Edited By: Published: Thu, 26 Jun 2014 01:51 PM (IST)Updated: Thu, 26 Jun 2014 01:51 PM (IST)
अमरनाथ यात्रा पर जाने से पहले क्या करें और क्या ना करें

जम्मू। अगर आप अमरनाथ यात्रा पर जा रहें हैं तो जाने से पहले ये कुछ खास तैयारी अवश्य कर लें जिससे आपको किसी भी तरह की परेशानी का सामना नही करना पड़ें।

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1. क्या-क्या करें-

अपने साथ पर्याप्त गर्म कपडे़ रखें, क्योंकि तापमान एकदम से पांच डिग्री तक गिर सकता है। यात्रा मार्ग पर मौसम कभी भी बिगड़ सकता है, लिहाजा अपने साथ छाता, विंड शीटर, रेनकोट व वाटरप्रूफ जूते लेकर जाएं।

बारिश में सामान गीला न हो, इसके लिए कपड़े व अन्य खाने-पीने की चीजें वाटरप्रूफ बैग में ही रखे।

आपात स्थिति के लिए अपने किसी साथी यात्री का नाम, पता व मोबाइल नंबर लिखकर एक पर्ची अपनी जेब में रखें।

अपने साथ पहचान पत्र या ड्राइविंग लाइसेंस या यात्रा पर्ची जरूर रखें।

हमेशा ग्रुप में चले और कोशिश करें कि आपके सामान को लेकर जा रहे पिट्ठू/घोड़े वाले के साथ चलें।

अपने ग्रुप से अलग न हों। यात्रा करने के बाद आधार शिविर से लौटते समय भी अपने ग्रुप के साथ ही निकलें।

ग्रुप के किसी भी सदस्य के लापता होने पर तुरंत पुलिस को सूचित करें।

इसके अलावा यात्रा कैंप से इसकी घोषणा भी करवाएं।

शांति से यात्रा करें और अपने साथी यात्रियों की भी यात्रा करने में मदद करें। यात्रा प्रबंधन की ओर से समय-समय पर दिए जाने वाले निर्देशों का पालन करें। पृथ्वी, जल, वायु, अग्नि व आकाश भी भगवान शिव के अंश हैं। लिहाजा ऐसा कोई काम न करें जिससे यात्रा क्षेत्र में किसी तरह का प्रदूषण पैदा हो।

पानी की बोतल, टार्च, मेवे, रोस्टेड चने, चाकलेट आदि अपने साथ रखें। यात्रा के दौरान इनकी जरूरत पड़ सकती है। अपने साथ कोल्ड क्रीम, वैसलीन या सनस्क्रीन रखें। इससे सनबर्न से बचा जा सकेगा।

श्रद्धालु क्या न करे-

महिलाएं साड़ी पहनकर यात्रा न करें। यात्रा करने के लिए सलवार-कमीज, पेंट-शर्ट या ट्रैक सूट सबसे आरामदायक रहता है।

छह माह से अधिक की गर्भवती महिलाएं किसी भी सूरत में यात्रा न करें। तेरह वर्ष से नीचे के बच्चों व 75 साल से अधिक के बुजुर्गो को यात्रा करने की अनुमति नहीं होगी।

जिन क्षेत्रों में चेतावनी सूचना हो, वहां न रूकें।

यात्रा मार्ग में काफी उतार-चढ़ाव है, इसलिए चप्पल पहनकर यात्रा न करें। केवल ट्रैकिंग जूते ही पहनकर यात्रा करें।

यात्रा के दौरान किसी तरह का शार्टकट न लें क्योंकि यह खतरनाक व जानलेवा हो सकता है।

खाली पेट कभी भी यात्रा न करें। ऐसा करने से गंभीर स्वास्थ्य समस्या उत्पन्न हो सकती है।

ऐसा कोई कार्य न करें जिससे यात्रा मार्ग पर प्रदूषण फैलता हो या पर्यावरण को नुकसान पहुंचता हो।

पालीथिन का इस्तेमाल न करें क्योंकि जम्मू-कश्मीर में इसके इस्तेमाल पर रोक है।

पालीथिन का इस्तेमाल न करें क्योंकि जम्मू-कश्मीर में इसके इस्तेमाल पर प्रतिबंध है और उल्लंघन करने पर सजा भी हो सकती है।

स्वास्थ्य संबंधी जानकारी-

श्री अमरनाथ जी की पवित्र गुफा तक पहुंचने के लिए 14000 फुट की ऊंचाई तक ट्रैकिंग करनी पड़ती है। ऊंचाई पर यात्रियों में निम्न बीमारियों के लक्षण पाए जा सकते हैं :- मन घबराना, उल्टी, थकान, कमजोरी, चक्कर आना, हल्का सिरदर्द, सोने में दिक्कत, दृष्टि दुर्बलता, मूत्राशय का काम न करना, शारीरिक अंगों के आपसी समन्वय का तालमेल बिगड़ना, बेहोश होना, मानसिक अवस्था का बिगड़ना, बेसुधी, सांस लेने में दिक्कत होना, सांस फूलना, सांस चढ़ना, हृदयगति बढ़ना।

ऊंचाई पर होने वाली इन बीमारियों का अगर समय रहते उपचार न किया जाए तो कुछ ही घंटों में जानलेवा साबित हो सकती है।

ऊंचाई वाले क्षेत्र में होने वाली बीमारियों के लक्षण पाए जाने पर क्या न करें ।

इन लक्षणों को नजर अंदाज न करें। शराब, सिगरेट या किसी नशीली चीज का सेवन न करें।

बीमारी का कोई भी लक्षण पाए जाने पर आगे बढ़ने के बजाय नजदीकी समतल इलाके (बेस कैंप) में लौट आएं, जहां आप कुछ देर आराम कर सकें।

बीमार यात्री की हर बात न मानें क्योंकि ऐसी सूरत में वे उचित फैसला लेने में योग्य नहीं रहते।

ऊंचाई वाले क्षेत्र में होने वाली बीमारियों से बचने के उपाय-

यात्रा के लिए शारीरिक तौर पर स्वस्थ बनें। इसके लिए यात्रा आरंभ करने से एक माह पूर्व रोजाना चार-पांच किलोमीटर सुबह या शाम को सैर करें।

शरीर में आक्सीजन की क्षमता बढ़ाने के लिए लंबी सांस लेने का व्यायाम करें।

योगा में प्राणयाम करें। अगर आप किसी पुरानी बीमारी से ग्रस्त हैं तो यात्रा से पूर्व डाक्टर से जांच अवश्य करवाएं।

नए वातावरण के प्रति अनुकूल होने के लिए रूक-रूक कर यात्रा करें।

अधिक चढ़ाई वाले क्षेत्र में चलने से पहले थोड़ा विश्राम कर लें।

अपनी क्षमता के विपरीत अधिक चलने का प्रयास न करें।

कोई भी दवा खाने से पहले डाक्टर की सलाह अवश्य लें।

पानी की कमी व सिरदर्द से निपटने के लिए खूब पानी पीएं। प्रतिदिन पांच लीटर पानी पीना फायदेमंद रहता है।

यात्रा मार्ग के दौरान भोजन करते समय श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड की वेबसाइट 'श्रीअमरनाथजीश्राइन.काम पर दिए फूड मेन्यू का पालन करें।

कम ब्लड शूगर व थकावट से बचने के लिए कारबोहाइड्रेट्स युक्त भोजन का सेवन करें।

अपने साथ छोटा आक्सीजन सिलेंडर लें, ताकि सांस लेने में दिक्कत होने की सूरत में तत्काल राहत मिल सके।


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