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Yashoda Jayanti 2023: कब मनाई जाएगी यशोदा जयंती? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Yashoda Jayanti 2023 प्रत्येक वर्ष फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि के दिन यशोदा जयंती मनाई जाती है। इस दिन विष्णव परंपरा का पालन करने वाले लोग माता यशोदा की उपासना करते हैं। आइए जानते हैं कब है यशोदा जयंती?

By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo MishraPublished: Mon, 06 Feb 2023 03:09 PM (IST)Updated: Mon, 06 Feb 2023 03:09 PM (IST)
Yashoda Jayanti 2023: कब मनाई जाएगी यशोदा जयंती? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
Yashoda Jayanti 2023: जानिए कब मनाई जाएगी यशोदा जयंती?

नई दिल्ली, अध्यात्मिक डेस्क | Yashoda Jayanti 2023: हिन्दू धार्मिक ग्रंथों में बताया गया है कि भगवान श्री कृष्ण का पालन-पोषण मैया यशोदा ने किया था। यही कारण है कि प्रत्येक वर्ष फाल्गुन मास की षष्ठी तिथि के दिन यशोदा जयंती को वैष्णव परम्परा के अनुयायी पर्व के रूप में मनाते हैं और माता यशोदा की पूजा करते हैं। इस वर्ष यशोदा जयंती 12 फरवरी 2023 (Yashoda Jayanti 2023 Date) के दिन मनाई जाएगी। माता यशोदा के जन्मदिन पर इस्कॉन सहित सभी कृष्ण मंदिरों में माता यशोदा की उपासना की जाती है और उत्सव मनाया जाता है। इस दिन माताएं अपने सन्तान की दीर्घायु और सफल जीवन के लिए व्रत रखती हैं और मां यशोदा की उपासना करती हैं। आइए जानते हैं यशोदा जयंती का शुभ मुहूर्त और पूजा-विधि।

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यशोदा जयंती शुभ मुहूर्त (Yashoda Jayanti 2023 Shubh Muhurat)

हिन्दू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि 11 फरवरी 2023 को सुबह 07 बजकर 38 मिनट पर हो रहा है और इस तिथि का समापन 12 फरवरी 2023 को 08 बजकर 15 मिनट पर होगा। उदया तिथि को ध्यान में रखकर यशोदा जयंती पर्व 12 फरवरी 2023, रविवार के दिन मनाई जाएगी। इस दिन रवि योग का निर्माण हो रहा है, जो पूरे दिन रहेगा।

यशोदा जयंती पूजा विधि (Yashoda Jayanti 2023 Puja Vidhi)

यशोदा जयंती पर स्नान-ध्यान के बाद माता यशोदा और श्री कृष्ण का स्मरण करें और इसके बाद साफ वस्त्र पर माता यशोदा की भगवान श्री कृष्ण को गोद में लिए तस्वीर स्थापित करें। अगर ऐसी तस्वीर न हो तो भगवान श्री कृष्ण की प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद धूप, दीप, पुष्प और लाल रंग की चुनरी अर्पित करें। फिर श्री कृष्ण को मक्खन का भोग लगाएं और गायत्री मंत्र का जाप करें। अंत में माता यशोदा और श्री कृष्ण की आरती करें।

डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।


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