हरतालिका तीज ही नहीं पतियों के लिए ये व्रत भी रखती हैं महिलाएं
हिंदू कैलेंडर के अनुसार भाद्रपद, शुक्ल पक्ष की तृतीया को हरतालिका तीज व्रत रखा जाता है। जो पति के लिए होता है। हालांकि पतियों के लिए ये व्रत भी रखती हैं महिलाएं...
हरतालिका तीज:
हिंदू धर्म में भाद्रपद, शुक्ल पक्ष की तृतीया के दिन हरतालिका तीज या फिर तीजा का व्रत रखा जाता है। यह व्रत बिल्कुल उत्सव की तरह लगभग पूरे देश में मनाया जाता है। हस्त नक्षत्र में होने वाले इस व्रत को सिर्फ सुहागिन ही नहीं बल्कि कन्याएं भी रखती हैं। सुहागिन जहां अखंड सौभाग्य पाने के लिए इस व्रत को करती हैं। वहीं कुंवारी युवतियां मनचाहा पति पाने के लिए रखती हैं। इस व्रत में शिव और माता पार्वती की पूजा होती है।
करवा चौथ:
करवा चौथ भी पति के लिए किया जाने वाला व्रत है। यह व्रत कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को रखा जाता है। इस व्रत को भी सुहागिन स्ित्रयां पतियों की लंबी उम्र के लिए करती हैं। महिलाएं पूरा दिन व्रत रखती हैं। मान्यता के मुताबिक इस दिन भगवान शिव, माता पार्वती, कार्तिकेय, श्री गणेश और चंद्रमा का पूजन होता है। इसके बाद शाम को चंद्रोदय के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देकर महिलाएं अपना व्रत तोड़ती हैं।
वट सावित्री व्रत:
हिंदू धर्म में पति की लंबी आयु और उसके बेहतर स्वास्थ्य के लिए वट सावित्री व्रत भी रखा जाता है। भारत में यह व्रत ज्येष्ठ मास में कृष्ण पक्ष की अमावस्या को रखा जाता है है। मान्यता के मुताबिक इस दिन वट वृक्ष की भी पूजा होती है। इस दिन सावित्री सत्यवान और यमराज की पूजा होती है और चने का प्रसाद चढ़ाया जाता है। इस वट सावित्री व्रत की कथा के अनुसार माना जाता है कि सावित्री ने पति सत्यवान के प्राण यमराज से वापस लिए थे।
गणगौर व्रत:
हिंदू धर्म में पतियों के लिए गणगौर व्रत भी रखा जाता है। गणगौर व्रत चैत्र शुक्ल तृतीया का दिन रखा जाता है। यह व्रत भी देश के कई हिस्सो में एक बड़े उत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस व्रत को सुहागिनों के साथ ही कुआंरी लड़कियां भी रखती हैं। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव ने माता पार्वती को और पूरे स्त्री समाज को सौभाग्य का वरदान दिया था। राजस्थान में यह व्रत एक त्योहार की तरह आयोजित होता है।