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Sawan Aur Neelkanth Pakshi: सावन में नीलकंठ देखना क्यों होता है शुभ? जानें और भी बातें

Sawan Aur Neelkanth Pakshi भागवत गीता के अनुसार समुद्र मंथन के समय निकले हलाहल नामक विष का पान भगवान शिव ने किया। उन्होंने विष को कंठ में रोक लिया जिससे उनका कंठ नीला पड़ गया और इसी से इनको नीलकंठ कहा जाने लगा।

By Ritesh SirajEdited By: Published: Sat, 24 Jul 2021 10:00 AM (IST)Updated: Sun, 25 Jul 2021 10:40 AM (IST)
Sawan Aur Neelkanth Pakshi: सावन में नीलकंठ देखना क्यों होता है शुभ? जानें और भी बातें
Sawan Aur Neelkanth Pakshi: सावन में नीलकंठ देखना क्यों होता है शुभ? जानें और भी बातें

Sawan Aur Neelkanth Pakshi : सावन का माह भगवान शिव को बहुत ही प्रिय है। सावन में नीलकंठ पक्षी को देखना बहुत ही शुभ माना जाता है। नीलकंठ को धरती पर भगवान शिव के शांत स्वरूप का प्रतीक माना जाता है। भागवत गीता के अनुसार समुद्र मंथन के समय निकले हलाहल नामक विष का पान भगवान शिव ने किया। उन्होंने विष को कंठ में रोक लिया जिससे उनका कंठ नीला पड़ गया और इसी से इनको नीलकंठ कहा जाने लगा। नीलकंठ पक्षी को इन्हीं का स्वरूप कहा जाता है। सावन में नीलकंठ पक्षी का दर्शन सौभाग्यशाली लोगों को मिलता है। आइये जानते हैं कि सावन में नीलकंठ के दर्शन से क्या-क्या लाभ होता है। 

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सावन में नीलकंठ पक्षी दिखने के लाभ 

सावन में नीलकंठ पक्षी को बाएं उड़ते हुए देखना प्रियतम से मिलने का सूचक है। 

सावन में नीलकंठ पक्षी को दाएं उड़ते हुए देखना पति से समागम के अवसर बनने का सूचक है।  

सावन में नीलकंठ पक्षी का पीठ पीछे उड़ते हुए देखने पर पुराने रिश्तों से मिलने का योग बनता है। 

सावन में नीलकंठ पक्षी को धरती पर बैठा देखने का मतलब है कि पत्नि को पेट संबंधी रोग होने की संभावना है। 

सावन में नीलकंठ पक्षी अगर किसी हरी डाली पर बैठा दिखाई दे तो पत्नि के मिलन का संयोग प्राप्त होगा।  

सावन में नीलकंठ पक्षी अगर किसी सूखी डाली पर बैठा है तो दांपत्य जीवन में कलह हो सकती है। 

सावन में नीलकंठ पक्षी का जूठा फल खाने से सौभाग्य वृद्धि, मनवांछित लाभ, सुखमय वैवाहिक जीवन का योग बनता है। 

सावन में नीलकंठ पक्षी अगर किसी अविवाहित कन्या के ऊपर आकर बैठ जाता है तो उस कन्या का वैवाहिक जीवन सुखमय होगा

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'


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