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Skanda Sashti 2021: कल है स्कंद षष्ठी, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व

Skanda Sashti 2021 कल चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि है। इस दिन स्कंद षष्ठी व्रत किया जाता है। यह व्रत भगवान कार्तिकेय के लिए किया जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार स्कंद षष्ठी का व्रत हर महीने शुक्ल पक्ष की षष्ठी के दिन किया जाता है।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Sat, 17 Apr 2021 11:00 AM (IST)Updated: Sat, 17 Apr 2021 11:00 AM (IST)
Skanda Sashti 2021: कल है स्कंद षष्ठी, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व
Skanda Sashti 2021: कल है स्कंद षष्ठी, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व

Skanda Sashti 2021: कल चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि है। इस दिन स्कंद षष्ठी व्रत किया जाता है। यह व्रत भगवान कार्तिकेय के लिए किया जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, स्कंद षष्ठी का व्रत हर महीने शुक्ल पक्ष की षष्ठी के दिन किया जाता है। इसे खासतौर से दक्षिण भारत के राज्यों में किया जाता है। यहां पर स्कंद षष्ठी व्रत की मान्यता अत्याधिक है। भगवान कार्तिकेय भगवान शिव और माता पार्वती के बड़े पुत्र हैं। दक्षिण भारत में इन्हें मुरुगन भी कहा जाता है। इस दिन श्रद्धालु व्रत रखते हैं और भगवान मुरुगन की पूजा करते हैं। आइए जानते हैं स्कंद षष्ठी का शुभ मुहूर्त और महत्व।

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स्कंद षष्ठी का शुभ मुहूर्त:

18 जनवरी, 2021

चैत्र मास, शुक्ल पक्ष, षष्ठी तिथि

षष्ठी तिथि प्रारंभ- 17 अप्रैल, शनिवार, रात 8 बजकर 32 मिनट से

षष्ठी तिथि समाप्त- 18 अप्रैल, रविवार, रात 10 बजकर 34 मिनट तक

स्कंद षष्ठी का धार्मिक महत्व:

धार्मिक मान्यता के अनुसार, स्कंद षष्ठी के दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा की जाती है। इस दिन अगर इनकी पूजा पूरे विधि-विधान के साथ की जाए तो भगवान की कृपा हमेशा व्यक्ति पर बनी रहती है। वहीं, इनकी पूजा करने से व्यक्ति जीवन की हर कठिनाई से दूर हो जाता है। जो यह व्रत करता है उसे सुख और वैभव की प्राप्ति होती है। साथ ही संतान के कष्टों में भी कमी आती है। हालांकि, यह त्योहार दक्षिण भारत में प्रमुख रूप से मनाया जाता है। दक्षिण भारत में भगवान कार्तिकेय को सुब्रह्मण्यम के नाम से जाना जाता है। इन्हें मुरुगन भी कहा जाता है। भगवान कार्तिकेय को चंपा पुष्प बेहद प्रिय है इसलिए इसे चंपा षष्ठी भी कहा जाता है। एक अन्य मान्यता के अनुसार, स्कंद षष्ठी के दिन भगवान कार्तिकेय ने तारकासुर नामक राक्षस का वध किया था।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'  


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