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Pradosh Vrat: कब है मार्च मास का दूसरा प्रदोष व्रत, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व

Pradosh Vrat हिंदू पंचांग के अनुसार हर मीहने की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत किया जाता है। यह दिन भोलेनाथ को समर्पित होता है। एक महीने में दो बार त्रयोदशी आती है। एक कृष्ण पक्ष में और दूसरी शुक्ल पक्ष में। यह मार्च का महीना चल रहा है।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Sat, 20 Mar 2021 12:50 PM (IST)Updated: Sat, 20 Mar 2021 12:50 PM (IST)
Pradosh Vrat: कब है मार्च मास का दूसरा प्रदोष व्रत, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व
Pradosh Vrat: कब है मार्च मास का दूसरा प्रदोष व्रत, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व

Pradosh Vrat: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर मीहने की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत किया जाता है। यह दिन भोलेनाथ को समर्पित होता है। एक महीने में दो बार त्रयोदशी आती है। एक कृष्ण पक्ष में और दूसरी शुक्ल पक्ष में। यह मार्च का महीना चल रहा है। इस दौरान दूसरा प्रदोष व्रत आने ही वाला है। इस महीने का दूसरा प्रदोष व्रत 26 मार्च को किया जाएगा। यह शुक्रवार का दिन है। प्रदोष व्रत का नाम उस दिन पड़ रहे दिन के अनुसार होता है। 26 मार्च शुक्रवार को है ऐसे में इसे शुक्र प्रदोष व्रत कहा जा रहा है। प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है। इस दिन पूरे विधि-विधान के साथ शिवजी की पूजा की जाती है। आइए जानते हैं प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त और महत्व।

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प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त:

फाल्गुन मास, शुक्ल पक्ष, त्रयोदशी तिथि

26 मार्च शुक्रवार

त्रयोदशी तिथि प्रारम्भ- 26 मार्च, शुक्रवार को सुबह 08 बजकर 21 मिनट से

त्रयोदशी तिथि समाप्त- 27 मार्च, शनिवार को सुबह 06 बजकर 11 मिनट से

प्रदोष व्रत का महत्व:

इस व्रत के नाम से ही पता चलता है कि प्रदोष का अर्थ सभी दोषों से रहति होता है। प्रदोष व्रत केवल भगवान शिव को ही नहीं बल्कि चंद्र देव से भी जुड़ा हुआ है। मान्यता है कि सबसे पहले चंद्रदेव ने ही प्रदोष व्रत किया था। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, प्रजापति दक्ष ने चंद्रदेव को क्षय रोग का श्राप दिया था। वह इस रोग से ग्रस्त हो गए थे और इससे मुक्ति पाने के लिए उन्होंने हर महीने त्रयोदशी तिथि पर भगवान शिव को समर्पित प्रदोष व्रत किया था। इस व्रत के प्रभाव से भगवान शिव प्रसन्न हुए थे औऱ चंद्र देव को क्षय रोग से मुक्त किया था।  

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।' 


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