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Kartik Purnima 2020: कब है कार्तिक पूर्णिमा, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व

Kartik Purnima 2020 इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा 30 नवंबर को पड़ रही है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में आने वाली पूर्णिमा को ही कार्तिक पूर्णिमा कहा जाता है। इस दिन स्नान और दान का बहुत ज्यादा महत्व होता है।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Sat, 31 Oct 2020 09:00 AM (IST)Updated: Sun, 01 Nov 2020 07:24 AM (IST)
Kartik Purnima 2020: कब है कार्तिक पूर्णिमा, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व
Kartik Purnima 2020: कब है कार्तिक पूर्णिमा, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व

Kartik Purnima 2020: इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा 30 नवंबर को पड़ रही है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में आने वाली पूर्णिमा को ही कार्तिक पूर्णिमा कहा जाता है। इस दिन स्नान और दान का बहुत ज्यादा महत्व होता है। मान्यता है कि इस दिन किसी पवित्र नद में स्नान करना चाहिए। इससे व्यक्ति के सभी पाप धुल जाते हैं। साथ ही कार्तिक पूर्णिमा पर दीप दान को भी विशेष महत्व दिया जाता है। माना जाता है कि इस दिन दीप दान करने से सभी देवताओं का आशीर्वाद मिलता हैं। ज्योतिषाचार्य पं. दयानंद शास्त्री के अनुसार, इस वर्ष बहुत सुखद संयोग बन रहा है।

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कार्तिक पूर्णिमा देवी-देवताओं के लिए खासतौर पर उत्सव का दिवस है इसीलिए इस दिन पर्व-त्योहारों पर हुई भूलों के लिए माफी तो मांगें ही। साथ ही पूजन अर्चन कर देवी-देवताओं को इस दिन आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन लक्ष्मी जी और विष्णु जी की पूजा जरूर करनी चाहिए। साथ ही अगर संभव हो तो भगवान सत्यनारायण की कथा जरूर सुनें। साथ ही शाम के समय में तुलसी को भी पूजा जाता है।

कार्तिक पूर्णिमा 2020 शुभ मुहूर्त:

पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ- 29 नवंबर रात 12 बजकर 47 मिनट से

पूर्णिमा तिथि समाप्त- 30 नवंबर रात 02 बजकर 59 मिनट तक

कार्तिक पूर्णिमा का महत्व:

हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा को बहुत अधिक महत्व दिया जाता है। पुराणों के अनुसार, इसी दिन भगवान शिव ने त्रिपुरा नाम के राक्षस को मारा था। इसी वजह से इस पूर्णिमा का त्रिपुरी पूर्णिमा भी कहा जाता है। इस दिन गंगा स्नान का भी बहुत अधिक महत्व है। यही कारण है कि इस दिन को गंगा स्नान भी कहा जाता है। मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा में स्नान करने से व्यक्ति अपने सभी पापों से मुक्त हो जाता है। इस दिन दीप दान का महत्व भी बहुत अधिक है। ऐसा कहा जाता है कि इस जो भी दान दिया जाता है उसे स्वर्ग में सुरक्षित रखा जाता है। साथ ही व्यक्ति की मृ्त्यु के बाद उसे फल के रूप में स्वर्गलोक प्राप्त होता है। साथ ही कहा जाता है कि अगर इस गाय का बछड़ा दान किया जाए तो बहुत ही शुभ होता है। इससे शिव जी की कृपा बरसती है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी। '  


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