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Sankashti Chaturthi June 2021: आज है गणेश संकष्टी चतुर्थी, जानें तिथि, मुहूर्त एवं विशेष संयोग

Sankashti Chaturthi June 2021 संकष्टी चतुर्थी नाम के अनुरूप संकटहारी मानी जाती है। इस दिन भगवान गणेश के व्रत एवं पूजन का विशेष विधान है। आषाढ़ मास की संकष्टी चतुर्थी पर अद्भुत संयोग बन रहा है। आइए जानते हैं इस अद्भुत संयोग के बारे में..

By Jeetesh KumarEdited By: Published: Wed, 23 Jun 2021 10:30 AM (IST)Updated: Sun, 27 Jun 2021 06:42 AM (IST)
Sankashti Chaturthi June 2021: आज है गणेश संकष्टी चतुर्थी, जानें तिथि, मुहूर्त एवं विशेष संयोग
Sankashti Chaturthi June 2021: आज है गणेश संकष्टी चतुर्थी, जाने तिथि, मुहूर्त एवं विशेष संयोग

Sankashti Chaturthi June 2021: हिंदी पंचांग के प्रत्येक मास के दोनों पक्षों की चतुर्थी की तिथि भगवान गणेश को समर्पित है। कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी तथा शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। संकष्टी चतुर्थी नाम के अनुरूप संकटहारी मानी जाती है। इस दिन भगवान गणेश के व्रत एवं पूजन का विशेष विधान है। आषाढ़ मास की संकष्टी चतुर्थी पर अद्भुत संयोग बन रहा है। आइए जानते हैं इस माह की संकष्टी चतुर्थी का तिथि, मुहूर्त और अद्भुत संयोग के बारे में...

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संकष्टी चतुर्थी तिथि, मुहूर्त एवं विशेष संयोग

आषाढ़ मास की संकष्टी तिथि आज 27 जून दिन रविवार को पड़ रही है। चतुर्थी तिथि 27 जून को शाम को 3:54 बजे से 28 जून को 2:16 बजे तक रहेगी। संकष्टी चतुर्थी का व्रत 27 जून को रखा जाएगा तथा पारण 28 जून को होगा। 

इस बार चतुर्थी तिथि रविवार को पड़ने के कारण रविवती संकष्टी चतुर्थी का संयोग बन रहा है। जिन लोगों की कुण्डली में सूर्य कमजोर है, उनके लिए रविवती संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखना विशेषतौर पर लाभदायक होता है। इस दिन प्रातः काल भगवान सूर्य को प्रणाम कर जल चढ़ाना चाहिए तथा गणेश जी का विधिवत व्रत रखने और पूजन करने से सूर्य ग्रह संबंधी सभी दोष समाप्त हो जाते हैं। 

संकष्टी चतुर्थी की पूजा विधि

संकष्टी चतुर्थी के दिन प्रातः काल स्नान आदि से निवृत्त होकर लाल या पीले रंग के वस्त्र पहनने चाहिए। इसके बाद भगवान गणेश की प्रतिमा की स्थापना कर धूप, दीप, नैवेद्य चढ़ाना चाहिए। भगवान गणेश को मोदक और दूर्वा का भोग अवश्य लगाएं। गणेश जी का संकल्प ले कर फलाहार व्रत रखना चाहिए। गणेश चतुर्थी के व्रत का पारण यथाशक्ति दान के साथ करना चाहिए।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।' 


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