आज है अन्वाधान, इस दिन वैष्णव सम्प्रदाय करता है भगवान विष्णु की पूजा
Anvadhan वैष्णव सम्प्रदाय के लिए अन्वाधान बेहद ही महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। वैष्णब सम्प्रदाय विष्णु जी के भक्त होते हैं। यह तिथि शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाई जाती है। साथ ही कृष्ण पक्ष की अमावस्या की तिथि को भी मनाई जाती है।
Anvadhan: वैष्णव सम्प्रदाय के लिए अन्वाधान बेहद ही महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। वैष्णब सम्प्रदाय विष्णु जी के भक्त होते हैं। यह तिथि शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाई जाती है। साथ ही कृष्ण पक्ष की अमावस्या की तिथि को भी मनाई जाती है। ऐसे में यह तिथि एक महीने में दो बार आती है। आज शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा है इसलिए आज के दिन अन्वाधान मनाया जा रहा है। तो आइए सबसे पहले जानते हैं कि आखिर अन्वाधान क्या होता है।
क्या होता है अन्वाधान:
संस्कृत में अन्वाधान का अर्थ अग्निहोत्र (हवन या होमम) करने के बाद पवित्र अग्नि को जलाने के लिए ईंधन जोड़ने की रस्म है। अगर आग कम हो जाती है तो यह अच्छा संकेत नहीं माना जाता है। इसलिए ध्यान रखा जाता है कि हवन के बाद आग जलती रहे। इस दिन, वैष्णव सम्प्रदाय से संबंधित लोग उपवास करते हैं। कई लोग अन्वाधान और इशिता का नाम सुनकर असमंजस में आ जाते हैं। उन्हें लगता है कि यह दोनों एक ही त्योहार है जबकि ऐसा नहीं है। ये दोनों अलग-अलग त्यौहार हैं। मूल रूप से ये दोनों हिंदू कैलेंडर में दो अलग-अलग त्योहार हैं। अन्वाधान के मौके पर लोग एक-दूसरे को बधाई भी देते हैं।
इशिता की बात करें तो यह अन्वाधान के अगले दिन मनाई जाती है। वैष्णु व समाज के लोग यह मानते हैं कि अगर अन्वाधान और इशिता के दिन उपवास किया जाए तो सभी को शांति और खुशी प्राप्त होती है। साथ ही इससे व्यक्ति की इच्छाओं की भी पूर्ति होती है।
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