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काशी में आरती स्थल तक पहुंचा गंगा का जल

दशाश्वमेध व राजेंद्र प्रसाद घाट पर आरती स्थल तक गंगा का जल पहुंच गया है। शनिवार को यह नजारा देख तटवर्ती इलाके के वाशिंदे दहशत में हैं। पुलकोहना, सरैयां, सामनेघाट, नक्खी घाट, हुकुलगंज, इमिलिया घाट समेत गंगा के साथ वरुणा के किनारे बसे गांवों में भी लोग सुरक्षित स्थानों की

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 20 Jul 2015 11:01 AM (IST)Updated: Mon, 20 Jul 2015 11:04 AM (IST)
काशी में आरती स्थल तक पहुंचा गंगा का जल

वाराणसी दशाश्वमेध व राजेंद्र प्रसाद घाट पर आरती स्थल तक गंगा का जल पहुंच गया है। शनिवार को यह नजारा देख तटवर्ती इलाके के वाशिंदे दहशत में हैं। पुलकोहना, सरैयां, सामनेघाट, नक्खी घाट, हुकुलगंज, इमिलिया घाट समेत गंगा के साथ वरुणा के किनारे बसे गांवों में भी लोग सुरक्षित स्थानों की ओर बढ़ चले हैं। गंगा जलस्तर की बात करें तो देर शाम तक बनारस में 62.78 सेमी था जबकि एक दिन पूर्व जल स्तर 62.04 सेमी था। इसके सापेक्ष 0.74 सेमी जलस्तर में बढोत्तरी हुई।

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वहीं फाफा मऊ से बलिया तक का जलस्तर काफी उतार चढ़ाव लिए था। फाफा मऊ में जलस्तर 78.92 सेमी, इलाहाबाद में 75.33 सेमी, मीरजापुर में 67.78 सेमी, गाजीपुर में 55.85 सेमी व बलिया में 53.00 सेमी था। बताते हैं कि फाफा मऊ व इलाहाबाद में गंगा का जलस्तर घटाव पर है क्योंकि उधर बारिश बंद होने के बाद चंबल नदी में भी बढ़ाव दर्ज नहीं किया गया जबकि इस नदी का पानी गंगा के जलस्तर को बढ़ाने में बड़ा सहायक है। वहीं मीरजापुर में गंगा के जलस्तर में बढ़ाव स्थिर है तो बनारस में सहयोगी नदियों में पानी बढऩे से गंगा में भी बढ़ाव देखा जा रहा है। इसी क्रम में गाजीपुर व बलिया में भी गंगा के बढ़ते जल स्तर से लोग चिंतित हैं।

वरुणा किनारे आती है आफत- वरुणा नदी के किनारे पुलकोहना, नक्खी घाट, सरैया, पुराना पुल, चौकाघाट, हुकुलगंज, वरुणापुल, बुद्ध नगर, ईमिलिया घाट आदि इलाके में सैकड़ों लोगों ने नदी के पेटा में मकान बना लिए हैं। नदी का जलस्तर बढऩे के साथ ही बाढ़ की चपेट में सबसे पहले ये लोग ही आते हैं। आफत मच जाती है। जिला प्रशासन को भी राहत पहुंचाने में मशक्कत करनी पड़ती है।
ढाब में निजी नावों का संचालन शुरू- ढाब क्षेत्र में गंगा के सोते में भी पानी बढऩे लगा है। जिले से कट गए गांवों से ग्रामीण निजी नावों के सहारे शहर में आ रहे हैं। ग्रामीणों ने बाढ़ के भयानक रूप के दौरान जरूरी सामानों की उपलब्धता सुनिश्चित कर ली है। निर्माणाधीन पुल को लेकर भी लोगों में निराश है। इसलिए विषम परिस्थिति में जीवन बसर करने के लिए खुद व्यवस्था कर रहे हैं। शाम को बीडीओ चिरईगांव मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों का हाल पूछा।


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