श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में निगरानी तंत्र हुईं फेल
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में पारदर्शिता के लिहाज से दो महीने पहले खड़ा किया गया निगरानी तंत्र अचानक फेल हो गया। पूरे परिसर की गतिविधियों पर नजर रखने को लगाए गए सीसी कैमरों से जुड़ीं सात एलसीडी स्क्रीन पांच दिनों से बंद हैं। इससे परिसर में पारदर्शिता फिर सवालों के घेरे
वाराणसी : श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में पारदर्शिता के लिहाज से दो महीने पहले खड़ा किया गया निगरानी तंत्र अचानक फेल हो गया। पूरे परिसर की गतिविधियों पर नजर रखने को लगाए गए सीसी कैमरों से जुड़ीं सात एलसीडी स्क्रीन पांच दिनों से बंद हैं। इससे परिसर में पारदर्शिता फिर सवालों के घेरे में तो है ही श्रद्धालुओं को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कार्यपालक समिति के फैसले के अनुसार हर बिंदुओं पर नजर रखने के लिए अलग- अलग स्थानों पर सात एलसीडी स्क्रीन लगाई गई थी। इन्हें गर्भगृह समेत परिसर के विभिन्न स्थानों पर लगाए गए सीसी कैमरों से जोड़ा गया था। उद्देश्य था कि इनके जरिए गर्भगृह समेत किसी भी स्थान की गतिविधि की सोशल आडिट होती रहेगी। किसी गड़बड़ी की स्थिति में लोग कॉल कर मंदिर प्रशासन को जानकारी दे सकेंगे और रिकार्डिंग से सप्रमाण दोषी चिह्नित होंगे। इसके लिए गेट नंबर एक (ढूंढिराज गणेश), गेट नंबर दो सरस्वती फाटक, कैंप कार्यालय, तारकेश्वर महादेव मंडप समेत सात स्थानों पर टीवी लगाई गई है। इसे अन्य विग्रहों को भी कैमरे के जरिए टीवी पर ले आने की योजना थी।
देवदीपावली के दिन आई गड़बड़ी : प्रसारण में देवदीपावली पर गड़बड़ी आई थी। हालांकि इसे तत्काल कुछ घंटे में ठीक करा लिया गया था लेकिन दूसरे दिन टीवी बंद हुईं तो अब तक इनसे प्रसारण नहीं हो सका। दबी जुबान से इसे पारदर्शिता की कवायद के खिलाफ साजिश भी माना जा रहा है। मालूम हो कि इस सिस्टम के कारण ही पिछले दिनों कई पुजारी दक्षिणा में घालमेल करते पकड़े गए थे।
श्रद्धालुओं की पीड़ा - टीवी से निगरानी का मसला तो जुड़ा हुआ है ही श्रद्धालुओं को कतार की लंबाई का आकलन हो जाता है। इससे कोई उन्हें भीड़ के नाम पर ठग नहीं पाता। हालांकि मंगला आरती व सप्तर्षि आरती के दौरान सभी का गर्भगृह द्वार के सामने खड़ा होना संभव नहीं, ऐसे में तारकेश्वर मंडप में लगाई गई टीवी से श्रद्धालु मंगला आरती व सप्तर्षि आरती भी स्पष्ट रूप से देख पाते थे। अब टीवी बंद होने से टिकट होने के बाद भी झांकी दर्शन नहीं हो पा रहा है। ऐसे में पुलिस अफसरों व सुरक्षा कर्मियों से इस व्यवस्था को लेकर नोकझोंक भी होती रहती है।