राजभवन तक पहुंचा श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास विवाद
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास का विवाद राजभवन तक भी पहुंच गया। न्यास अध्यक्ष आचार्य अशोक द्विवेदी ने राज्यपाल रामनाईक से मुलाकात कर उन्हें पूरी बात बताई। लगभग एक घंटे की मुलाकात में उन्होंने राज्यपाल के विधिक सलाहकार से भी राय मशविरा किया।
वाराणसी। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास का विवाद राजभवन तक भी पहुंच गया। न्यास अध्यक्ष आचार्य अशोक द्विवेदी ने राज्यपाल रामनाईक से मुलाकात कर उन्हें पूरी बात बताई। लगभग एक घंटे की मुलाकात में उन्होंने राज्यपाल के विधिक सलाहकार से भी राय मशविरा किया।
न्यास अध्यक्ष को पिछले माह ही धर्मार्थ मंत्री विजय मिश्र ने पद से हटाने की घोषणा की थी। एक सप्ताह के अंतराल पर धर्मार्थ कार्य विभाग से इस संबंध में पत्र भी जारी कर दिया था। इस पर न्यास अध्यक्ष ने उच्च न्यायालय की शरण ली थी। वहां से न्यास अध्यक्ष को पदासीन रखने या हटाने का निर्णय शासन पर छोड़ दिया, लेकिन विधिसम्मत तरीका अपनाने की सलाह दी गई।
समझा जा रहा है कि इस पेच को सुलझाने में हस्तक्षेप के मकसद से न्यास अध्यक्ष ने 29 मई को राजभवन का दरवाजा खटखटाया। यह बात और है कि ठीक इसी दिन प्रमुख सचिव धर्मार्थ कार्य की ओर से आचार्य द्विवेदी को 12 बिंदुओं की नोटिस जारी कर दिया गया। इसमें उन पर मंदिर प्रबंधन में रुचि न लेने, स्वार्थसिद्धि के लिए अतिविशिष्टजनों की पूजा-अर्चना कराने, इससे प्राप्त दान-दक्षिणा दान पेटिका में न जमा कर मंदिर की धनराशि का गबन, विकास कार्यो में अवरोध और न्यास की बैठकों के कार्यवृत्त में हेरफेर समेत कई गंभीर आरोप लगाए हैं।
एक पखवारे में ही अपना पक्ष रखने को भी कहा है। आचार्य अशोक द्विवेदी ने पूरे प्रकरण के लिए ब्यूरोक्रेसी को जिम्मेदार ठहराते हुए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और सपा प्रमुख से मुलाकात के लिए समय मांगा है। उनका मानना है कि मंदिर व श्रद्धालुहित में किए जा रहे कार्यो से घबराए अधिकारियों ने उनके खिलाफ साजिश रची है।