विश्वनाथ दरबार में आई-भक्ति से ऑनलाइन पूजन-प्रसाद करार खत्म
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में ऑनलाइन पूजन-अनुष्ठान और देश विदेश में कहीं भी प्रसाद प्राप्त करने की व्यवस्था पर अंतत: विराम लग गया। शासन ने इस निमित्त अनुबंधित मे. साल्यूशन डिवोटी ई साल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड का करार खत्म करने की गुरुवार को मंदिर प्रशासन को अनुमति दे दी। अनुबंध निरस्तीकरण के
वाराणसी। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में ऑनलाइन पूजन-अनुष्ठान और देश विदेश में कहीं भी प्रसाद प्राप्त करने की व्यवस्था पर अंतत: विराम लग गया। शासन ने इस निमित्त अनुबंधित मे. साल्यूशन डिवोटी ई साल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड का करार खत्म करने की गुरुवार को मंदिर प्रशासन को अनुमति दे दी। अनुबंध निरस्तीकरण के साथ ही तत्काल क्रियान्वयन की सूचना भी मांग ली गई। इस कदम से कंपनी को लाखों की चपत तो लगी ही, श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर की साज-संवार व श्रद्धालु सुविधा विस्तार में जुटी प्रदेश सरकार के लिए भी यह झटके से कम नहीं रहा।
काशी विश्वनाथ मंदिर में इस तरह की आनलाइन व्यवस्था का शुभारंभ पांच माह पहले खुद मुख्यमंत्री ने लखनऊ से किया था। फिल्म अभिनेता डिनो मारियो की कंपनी डिवोटी ई साल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड को इसकी जिम्मेदारी दी गई थी। कंपनी की आई-भक्ति पोर्टल से संचालन शुरू होने से पहले ही सनातनी परंपराओं का हवाला देते हुए फिल्म अभिनेता डिनो मारियो की कंपनी को जिम्मेदारी देने का विरोध शुरू हो गया था। इस बीच किसी तरह आनलाइन पूजन व प्रसाद व्यवस्था तो शुरू हुई, लेकिन विरोध के स्वर ऊंचे ही होते गए। इससे संबंधित बयानों के कारण ही मंदिर न्यास अध्यक्ष को भी निलंबन झेलना पड़ा और मामला कोर्ट तक पहुंचा। पिछले ही माह अधिवक्ता अशोक पांडेय ने भी लखनऊ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर दी। समझा जा रहा है कि श्रद्धालु हित में उठाए गए कदम में कानूनी दिक्कतों और तमाम रोड़े को देखते हुए शासन को अपना निर्णय बदलना पड़ा।
आनलाइन व्यवस्था दो-तीन माह से बंद थी। इस संबंध में मंदिर के सीईओ से रिपोर्ट मांगी गई थी। इसमें पाया गया कि आनलाइन पूजन और प्रसाद वितरण में कई व्यावहारिक समस्याएं आ रही हैं। कंपनी भी एक पखवारे ही इसे चला पाई। फिलहाल पूरी व्यवस्था ठप पड़ी थी, ऐसे में अनुबंध निरस्तीकरण का फैसला लेना पड़ा।
- नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव, धर्मार्थ कार्य विभाग।