Vinayaka Chaturthi 2023: विनायक चतुर्थी पर बन रहे हैं ये 5 अद्भुत संयोग, सुख-समृद्धि में होगी वृद्धि
विनायक चतुर्थी के दिन रिद्धि-सिद्धि के दाता भगवान गणेश की पूजा की जाती है। साथ ही शुभ कार्यों में सिद्धि पाने हेतु उनके निमित्त व्रत रखा जाता है। दुख और संकट हरने वाले भगवान गणेश प्रथम पूज्य हैं। उनकी कृपा से साधक के जीवन में मंगल ही मंगल का आगमन होता है। ज्योतिषियों की मानें तो विनायक चतुर्थी पर एक साथ कई शुभ संयोग बन रहे हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Vinayaka Chaturthi 2023: हर महीने शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के एक दिन पहले विनायक चतुर्थी मनाई जाती है। इस प्रकार कार्तिक महीने में विनायक चतुर्थी 16 नवंबर को है। इस दिन रिद्धि-सिद्धि के दाता भगवान गणेश की पूजा की जाती है। साथ ही शुभ कार्यों में सिद्धि पाने हेतु उनके निमित्त व्रत रखा जाता है। दुख और संकट हरने वाले भगवान गणेश प्रथम पूज्य हैं। उनकी कृपा से साधक के जीवन में मंगल ही मंगल का आगमन होता है। ज्योतिषियों की मानें तो विनायक चतुर्थी पर एक साथ कई शुभ संयोग बन रहे हैं। इन संयोग में भगवान गणेश की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं यथाशीघ्र पूर्ण होती हैं। आइए, शुभ मुहूर्त और योग जानते हैं-

शुभ मुहूर्त
कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी 16 नवंबर को दोपहर 12 बजकर 34 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन यानी 17 नवंबर को सुबह 11 बजकर 03 मिनट पर समाप्त होगी। इस दिन चंद्र दर्शन का विधान है। अतः 16 नवंबर को ही विनायक चतुर्थी मनाई जाएगी।
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सुकर्मा योग
विनायक चतुर्थी पर सुकर्मा योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण सुबह 10 बजे तक है। इसके पश्चात, धृति योग का निर्माण हो रहा है। धृति योग का संयोग 17 नवंबर को सुबह 07 बजकर 37 मिनट तक है। ज्योतिष दोनों योग को शुभ मानते हैं। इन योग में गणपति जी की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होती है।
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रवि योग
विनायक चतुर्थी पर रवि योग का भी निर्माण हो रहा है। रवि योग में गणेश जी की पूजा करने से साधक को कई गुना फल प्राप्त होता है। ज्योतिष रवि योग को बेहद शुभ मानते हैं। इस योग में शुभ कार्य कर सकते हैं।
करण
विनायक चतुर्थी पर गर और वणिज करण का निर्माण हो रहा है। ज्योतिष गर और वणिज करण को बेहद शुभ मानते हैं। इन योग में सिद्धिविनायक जी की की पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
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