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Vinayaka Chaturthi 2022: आज है विनायक चतुर्थी व्रत, इन गलतियों से करें परहेज

Vinayaka Chaturthi 2022 हिन्दू धर्म में भगवान गणेश को प्रथम देवता के रूप में पूजा जाता है। प्रत्येक मास के चतुर्थी तिथि के दिन उनकी विशेष पूजा की जाती है और उपवास रखा जाता है जिसे विनायक चतुर्थी के रूप में जाना जता है।

By Shantanoo MishraEdited By: Published: Fri, 25 Nov 2022 11:02 AM (IST)Updated: Sun, 27 Nov 2022 10:33 AM (IST)
Vinayaka Chaturthi 2022: आज है विनायक चतुर्थी व्रत, इन गलतियों से करें परहेज
Vinayaka Chaturthi 2022: विनायक चतुर्थी पर रखें इन बातों का ध्यान।

नई दिल्ली, डिजिटल डेस्क | Vinayaka Chaturthi 2022 Niyam: मार्गशीर्ष मास में कई महत्वपूर्ण व्रत त्यौहार मनाए जाते हैं। लेकिन इस मास में पड़ने वाले विनायक चतुर्थी व्रत का विशेष महत्व है। मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन विनायक चतुर्थी व्रत रखा जाएगा। प्रत्येक मास में कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन यह व्रत रखा जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार यह व्रत इस मास के अंत में यानि 27 नवम्बर (Vinayaka Chaturthi 2022 Date) के दिन रखा जाएगा। शुक्ल पक्ष में होने के कारण इसे विनायक चतुर्थी नाम से जाना जाएगा।

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मान्यता है कि इस दिन भगवान गणेश की आराधना करने से भक्तों को विशेष लाभ मिलता है और उनके सभी कष्टों का नाश होता है। लेकिन चतुर्थी व्रत के सन्दर्भ में शास्त्रों में कुछ नियम बताए गए हैं, जिनका पालन करना व्यक्ति के लिए आवश्यक है, अन्यथा वह भगवान गणेश के क्रोध का भागीदार बन सकता है। आइए जानते हैं विनायक चतुर्थी पर किन कार्यों को करने से बचना चाहिए।

विनायक चतुर्थी पर ना करें ये कार्य (Vinayaka Chaturthi 2022 Do's and Don'ts)

  • शास्त्रों में बताया गया है कि विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि उनकी मूर्ति अकेले ना छोड़ें। उनके साथ किसी अन्य देवी-देवता या गणेश जी के परिवार की प्रतिमा स्थापित जरूर करें।

  • इसके साथ शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि विनायक चतुर्थी के दिन गणेश जी की पूजा में तुलसी के पत्रों के इस्तेमाल पर भी प्रतिबन्ध है। ऐसा इसलिए क्योंकि माता तुलसी को भगवान श्री गणेश ने श्राप दिया था। इसलिए उनकी पूजा में तुलसी के पत्र का प्रयोग नहीं किया जाता है। ऐसा करने पर व्यक्ति श्री गणेश के क्रोध का सामना कर सकता है।

  • इस विशेष दिन पर भगवान गणेश की पूजा शुद्ध मन से करें। इसलिए इस दिन किसी भी प्रकार के अपशब्द या मन में किसी के लिए द्वेष की भावना न उत्पन्न होने दें। इसके साथ इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन निश्चित रूप से करें।

  • उपवास रखने वाले भक्त भोजन में किसी भी प्रकार के नमक का इस्तेमाल ना करें। इस सात्विक फलाहार करें और हो सके तो परिवार के अन्य सदस्य भी बिना प्याज लहसुन से बना भोजन ग्रहण करें। इसके साथ इस दिन काले रंग का वस्त्र को पहनने पर प्रतिबन्ध है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह रंग नकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है।

  • विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा करते समय इस बात का ध्यान जरूर रखें कि उनकी पीठ के दर्शन बिलकुल ना हो। ऐसा करने से घर में नकारात्मक शक्तियों का वास होता है और घर में आर्थिक समस्याएं उत्पन्न होती हैं।

डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।


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