Move to Jagran APP

कई साल बाद ऐसा अवसर आया है जब अबूझ मुहूर्त में शहनाई नहीं गूंजेंगी

शुक्र अस्त होने व गुरु के वक्री होने के कारण इस बार स्वयं सिद्ध मुहूर्त अक्षय तृतीया पर भी शादियां नहीं होंगी।

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 29 Apr 2016 10:48 AM (IST)Updated: Fri, 29 Apr 2016 11:01 AM (IST)
कई साल बाद ऐसा अवसर आया है जब अबूझ मुहूर्त में शहनाई नहीं गूंजेंगी

चैत्र नवरात्रि के बाद से शुरू हुई शहनाइयों की गूंज शुक्रवार शाम से थम जाएगी। शुक्र अस्त होने व गुरु के वक्री होने के कारण इस बार स्वयं सिद्ध मुहूर्त अक्षय तृतीया पर भी शादियां नहीं होंगी।

loksabha election banner

अगले दो माह तक लोग शादी-विवाह के लिए युवक-युवतियों की देखा-सुनी तो होगी, लेकिन शादियां करीब दो माह के बाद ही होंगी। इस दौरान दूसरे शुभ कार्यों में भी प्रतिबंध लग जाएंगे। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार शुक्रवार को शाम 5:30 बजे शुक्र अस्त हो रहे हैं, जिससे शादी-विवाह अगले दो माह के लिए थम जाएंगे।

इसके बाद शादियों का अगला शुभ-मुहूर्त 7 जुलाई के बाद शुरु होगा, जो सिर्फ 7 दिन तक रहेगा और 13 जुलाई के बाद देव उठनी एकादशी तक शादियां बंद रहेंगी। शादियों के आखरी शुभ-मुहूर्त के कारण 26 अप्रैल एवं 28 अप्रैल को शहर में शादियों की धूम रही।

कम मुहूर्त के कारण शहर के लगभग सभी शादी घर, बैंड पार्टी करीब दो माह पहले से ही बुक हो गए थे। जुलाई माह में शादियों के सिर्फ 7 मुहूर्त हैं, जिस कारण इस समय कई शादियां होंगी और इस दौरान शादी न करने वालों को अगले चार माह और इंतजार करना पड़ेगा।

क्या होता है शुक्रास्त

शुक्र गृह के अस्त होने को शुक्रास्त कहा जाता है। पंचांग के मुताबिक, 29 अप्रैल को शुक्र गृह अस्त हो रहा है जो 7 जुलाई को पुन: उदय होगा। शुक्रास्त में विवाह, उपनयन, कर्णभेद आदि कार्य वर्जित रहते हैं।

बातचीत हो सकती है पर शादियां नहीं

ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि जप-तप, नामकरण संस्कार, पूजा पाठ, रुद्राभिषेक, कथा आदि शुक्रास्त में भी जारी रहते हैं। वहीं शादियों के संबंध में युवक-युवती की देखा-सुनी एवं विवाह संबंधी बातचीत हो सकती है, लेकिन शादियां नहीं होंगी। मई और जून में विवाह के मुहूर्त नहीं हैं, जिस कारण अगले चार माह शादियां वर्जित रहेंगी।

अक्षय तृतीया पर भी नहीं होगी शादियां

हर वर्ष अक्षय तृतीया पर शादियों की धूम रहती है। सुबह से रात तक शहनाइयों की गूंज सुनाई देती है और पंडित तलाशे नहीं मिलते, लेकिन इस बार स्वयं सिद्ध मुहूर्त में भी शादियां नहीं होंगी। कई साल बाद ऐसा अवसर आया है जब अबूझ मुहूर्त में शहनाई नहीं गूंजेंगी। दरअसल, शुक्र पूर्व में अस्त हो रहा है। गुरु वक्रीय हो रहे हैं। इन दोनों ग्रहों की स्थिति बदलने के कारण 9 मई को अक्षय तृतीया पर विवाह नहीं हो सकेंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.