इस दीवाली राशि के हिसाब से पहने ये रत्न आैर पायें समस्याआें से मुक्ति
ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानें कि दीपावली के इन पांच दिनों की पूजा के दौरान किस रत्न को पहन विभिन्न राशि वालों को मिल सकती है कष्टों से मुक्ति।
वृष- ॐ क़्राम क्रीम क्रौम स:भौमाय नम:।। शनि के गोचर के कारण वृष इस राशि वालों को मानसिक असंतोष, आर्थिक कष्ट,पारिवारिक उलझनों का सामना करना पड़ेगा।वाहन दुर्घटना की भी सम्भावना रहेगी। इनके लिए शुभ रत्न है जमुनिया,फ़ीरोज़ा अथवा हीरा।
मिथुन- इस राशि वालों के लिए यह वर्ष वैचारिक मतभेद को उत्पन्न करने वाला है। व्यर्थ के व्यय से मानसिक चिन्ता बढ़ेगी, किंतु प्रतिष्ठा की दृष्टि से यह वर्ष उत्तम रहेगा। ये लोग शुभ रत्न के तौर पर पन्ना स्वर्ण में धारण करें। मन्त्र-ॐद्राम द्रीम द्रौम स:शुक्राय नम:।।
कर्क- मन्त्र-ॐब्रॉम ब्रिम ब्रौम स: बुधाय नम:।। कर्क राशि वालों को इस वर्ष आर्थिक दृष्टि से कठिन मार्ग से गुज़रना होगा। यद्यपि आर्थिक श्रोत में वृद्धि तथा नौकरी-पेशा में उन्नति का भी पूर्ण योग आएगा, तथापि व्यय की अधिकता से आर्थिक समस्या जटिल रहेगी। सामाजिक प्रतिष्ठा तो बढ़ेगी किंतु न्यायालय के कार्यों में विलम्ब होगा। अत: शुभ रत्न-समुद्री मोती,चन्द्रमणि धारण करें।
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सिंह राशि- मन्त्र-ॐश्राम श्रीम श्रौम स:चंद्राय नम:।। सभी राशियों में प्रमुख सिंह राशि का स्वामी सूर्य है। इस राशि वालों के लिए यह वर्ष अति शुभ रहेगा। बौद्धिकता में वृद्धि होगी,विरोधी पराजित होंगे। इनका शुभ रत्न है माणिक्य या सूर्यमणि।
कन्या राशि- मन्त्र-ॐह्राम ह्रीम ह्रौम सूर्याय नम:।। इस राशि वालों के लिए यह वर्षशनि की आढेया के कारण मानसिक चिन्ता तथा व्यर्थ के पारिवारिक विवाद वाला होगा,मन अशान्त रहेगा। शारीरिक रोग,कष्ट से परेशानी रहेगी। कार्य क्षेत्र में अनेक प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। आप शुभ रत्न नीलम या नीली पहनें।
तुला राशि- मन्त्र-ॐ प्राम प्रीम प्रौम स:शनये नम:।। तुला राशि वालों के लिए यह वर्ष अति शुभदायक है। समस्त योजनायें सफल होंगी।सम्पत्ति को लेकर कुछ विवाद हो सकता है। परिश्रम के अनुकूल लाभ की स्थिति भी अनुकूल रहेगी । इनका शुभ रत्न है हीरा या चन्द्रमणि।
वृश्चिक राशि- मन्त्र-शाँ शीं शूँ स: शुक्राय नम:।। इस राशि का स्वामी मंगल उच्च भाव में विचरण कर रहा है। अनेक उलझनों-विवादों के बावजूद उच्च पद प्राप्त करने का योग है। अग्नि की चतुर्थ पाद गोचर अवस्था के कारण आर्थिक स्थिति में उतार-चढ़ाव बना रहेगा किंतु हानि की सम्भावना नहीं के बराबर होगी। शुभ रत्न के रूप में इन्हें स्वर्ण में देशी या इटैलियन मूंगा पहनना उचित रहेगा।
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धनु राशि- मन्त्र-ॐह्रूँ श्रीं भौमाय नम:।। इस राशि वालों के लिए शनि की साढ़ेसाती का पूर्ण प्रभाव रहेगा। आर्थिक कठिनाई ,स्वजनों से विरोध तथा पारिवारिक चिन्ता बनी रहेगी। स्वास्थ्य के प्रति विशेष सावधान रहने की आवश्यकता है। वर्ष के मध्य में बृहस्पति देव की कृपा से लम्बे समय से रुके हुए कार्य पूर्ण होंगे। श्री हनुमान जी की आराधना से लाभ होगा। आप नीलम स्वर्ण में धारण करें।
मकर राशि- मन्त्र-ॐ हँ हनुमते आँजनेयाय महाबलाय ह्रीं ॐनम:।। मकर राशि के जातक इस वर्ष कुछेक उलझनों एवं स्वास्थ्य-बाधा को छोड़कर शेष वर्ष शुभकारक एवं राहत पूर्ण रहेगा। रक्त-विकार से कष्ट होगा। शुभ रत्न है नीलम,नीलमणि या इन्द्रनील -स्वर्ण में।
कुम्भ राशि- मन्त्र-ॐऐं ह्रीं श्रीं शनिश्चराय नम:।। कुम्भ राशि वालों के लिए यह वर्ष गतिशील होगा। अधिक भागदौड़ से मानसिक तनाव एवं शारीरिक थकान के बावजूद आर्थिक स्थिति मज़बूत रहेगी। काफ़ी सोच-समझ के बाद ही नया कार्य-व्यापार प्रारम्भ करना ही श्रेयस्कर होगा। वर्ष के उत्तरार्ध में मांगलिक कार्य सम्पन्न होंगे साथ ही आकस्मिक धन लाभ का भी पूर्ण योग है। इनका शुभ रत्न है पुखराज स्वर्ण में।
मीन राशि- मन्त्र-ॐऐं श्रीं श्रीं बुं बुधायनम:।। सामाजिक प्रतिष्ठा एवं शारीरिक -सुख की दृष्टि से मीन राशि वालों के लिए यह वर्ष सर्वथा उत्तम रहेगा। अनेकानेक माध्यमों से धनागम होता रहेगा। परिवार में शुभ कार्य सम्पन्न होंगे। इनका शुभ रत्न है पुखराज,टोपाज या बिल्लौर।