Thursday Motivational: स्वयं पर विजय पाना है जरूरी
Thursday Motivational आज गुरुवार है। सकारात्मक ऊर्जा के संचार के लिए जागरण आध्यात्म के इस लेख में आप तक पहुंचाए जा रहे हैं दुनिया के जाने माने चिंतकों के सकारात्मक विचार।
Thursday Motivational: एक कहावत है, अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता। ये जिस संदर्भ में कही गई वहां तक तो ठीक है लेकिन अगर कुछ कर गुजरने की बात हो, आत्म विश्वास की बात तो कहावत ये होनी चाहिए, कि भले ही आदमी अकेला हो, पर जो चाहे वो कर सकता है। आज गुरुवार है। सकारात्मक ऊर्जा के संचार के लिए जागरण आध्यात्म के इस लेख में आप तक पहुंचाए जा रहे हैं दुनिया के जाने माने चिंतकों के सकारात्मक विचार।
महात्मा गांधी का कहना था कि लोग चाहे मुट्ठी भर हों, लेकिन संकल्पवान हों, अपने लक्ष्य में दृढ़ आस्था हो, वे इतिहास को भी बदल सकते हैं । गांधी ने जो कहा वो कर के दिखाया। एक अकेले आदमी ने अहिंसा के बल पर पूरे देश को साथ खड़ा कर लिया और अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर मजबूर कर दिया।
चाणक्य ने भी सफल जीवन के लिए गजब का मूल मंत्र दिया है। चाणक्य के मुतबाकि हनत करने से दरिद्रता नहीं रहती, धर्म करने से पाप नहीं रहता, मौन रहने से कलह नहीं होती। जीवन में खुश रहने का सार बताती ये पंक्तियां कहती हैं कि मेहनत करो तो कभी गरीबी आस पास नहीं फटकेगी। धर्म की राह पर चलोगे तो कभी पाप की ओर नहीं बढ़ोगे। और ज्यादा बड़ बड़ करने से बचोगे, मौन रहोगे तो कलह से बच जाओगे।
गौतम बुद्ध का कहना है कि हज़ार योद्धाओं पर विजय पाना आसान है, लेकिन जो अपने ऊपर विजय पाता है वही सच्चा विजयी है। वहीं बात करें ठाकुर रवीन्द्रनाथ टैगोर की तो उनका कहना है कि विश्वास वह पक्षी है जो प्रभात के पूर्व अंधकार में ही प्रकाश का अनुभव करता है और गाने लगता है।
वहीं बात करें बकुल वैद्य की तो उनका मत है सफल जीवन जीने के लिए इनसान को हंसना चाहिए। उनका कहना है कि मानव जीवन धूल की तरह होता है, हम इसे रो-धोकर इसे कीचड़ बना देते हैं।