रमजान से जुड़ी बातें जो सबको जाननी चाहिए
मुस्लिमों के पवित्र महीने रामजान की शुरुआत हो गई है। रमादान अरबी भाषा का शब्द है जो रमाधा से आया है। इसका मतलब सूरज की गर्मी होती है।
1- रोजे में सुबह सूरज उगने के बाद से लेकर सूरज छिपने तक बिना खाए पिए रहते हैं। पानी की भी मनाही होती हैं। रमजान को लेकर हर देश में अपनी परंपरा है।
2- रमजान के दौरान सूर्योदय से पहले कुछ खा लेते हैं जिसे सहरी कहते हैं। इसके बाद दिन भर न कुछ खाते हैं न पीते हैं। शाम को सूर्यास्त के बाद रोजा खोलते हैं, जिसे इफ्तारी कहते हैं।
3- रमजान को नेकियों या पुन्यकार्यों का मौसम-ए-बहार बसंत कहा गया है। इस महीने में मुस्लमान अल्लाह की इबादत ज्यादा करता है। अपने परमेश्वर को संतुष्ट करने के लिए उपासना के साथ कुरआन परायण, दान धर्म करता है।
4- रमजान के चौथे दिन को पश्चिमी एशिया में गारांगाओं के रूप में मनाया जाता है। इस दिन बच्चे तैयार होकर थैले लेकर आसपास जाते हैं और गारांगाओ गीत गाकर टॉफी बिस्किट जैसी चीजें इकट्ठा करते हैं।
5- इंडोनेशिया के कुछ हिस्सों में पवित्र महीना शुरू होने से पहले लोग खुद को साफ पानी में जलमग्न कर लेते हैं। जिससे वे खुद को आध्यात्कि व शारीरिक रूप से शुद्ध कर सकें। मध्य एशिया के देशों में इस समय गरीबों को दान देते हैं।
6- रात में तरावीह की नमाज पढना जरुरी होता है। मिस्र में पवित्र माह के दौरान इफ्तार के समय सड़कों पर बड़ी बड़ी लालटेन सजाने की परंपरा है। माना जाता है कि मिस्र के खलीफा का स्वागत काहिरा में लालटेन लगाकर किया जाता है।
7- इस पाक माह में जन्नत के दरवाजे खुल जाते हैैं और दोजख यानि की नरक के दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं। इस दौरान किए गए अच्छे कर्मों का फल भी कई गुना तक बढ़ जाता है।
8- रमजान में अल्लाह से अपने सभी बुरे कर्मों के लिए माफी भी मांगी जाती है। रोजेदार महीनेभर भूखे-प्यासे रहकर इबादत करते हैं। वे सहरी और इफ्तार ही ले सकते हैं। इस दौरान झूठ बोलना, चुगली करना, गाली-गलौच गुनाह माना जाता है।