Planets Transit: फरवरी 2019 में ग्रहों का राशि परिवर्तन जानें क्या है इसका अर्थ
ग्रहों के परिवर्तन का हम सभी के जीवन पर कुछ ना कुछ प्रभाव अवश्य पड़ता है। एेसे में ये जानने की उत्सुकता होना स्वाभाविक है कि फरवरी माह में फरवरी में किन ग्रहों ने किया राशि परिवर्तन
तीन ग्रह बदल रहे हैं अपनी चाल
वैदिक ज्योतिष गणनाआें के अनुसार ग्रहों का गोचर हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव डालता है। प्राचीन गणनाआें के अनुसार ग्रह गोचर ही हमारे जन्म के समय से ही आने वाले जीवन की दशा आैर दिशा तय करते हैं। इसी गणना को जन्म कुंडली कहते हैं। इस साल के दूसरे महीने फरवरी में तीन ग्रह नर्इ राशियों में प्रवेश कर रहे हैं। ये ग्रह हैं मंगल, बुध आैर शुक्र। मंगल अब तक मीन राशि में थे आैर अब वे मेष राशि में प्रविष्ट हो गए हैं। वहीं बुध मकर राशि से कुंभ राशि में गोचर कर गए हैं आैर शुक्र धनु राशि से निकल कर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। आइये जानें इन ग्रहों की खासियतों के बारे में।
मंगल का ग्रह गोचर
लाल ग्रह के नाम से प्रसिद्घ मंगल ग्रह बीते कुछ समय से मीन राशि में विचरण कर रहे थे। अब 6 फरवरी 2019 से वे मेष राशि में प्रविष्ट हो गए हैं। युनानी मान्यताआें के अनुसार मंगल को खेती का देवता माना जाता रहा था। वहीं रोमन उन्हें युद्घ आैर जंगों का देवता मानते हैं। ज्योतिष में यह ग्रह इतना महत्वपूर्ण है कि ग्रेगोरियन कैलेंडर में तीसरे महीने का नाम ही इसके नाम पर रखा गया है। मंगल ग्रह, मेष और वृश्चिक राशि का स्वामी है। इस ग्रह की विशेषतायें मुख्य रूप से ऊर्जा और ताक़त हैं।
बुध का ग्रह गोचर
7 फरवरी की सुबह 10 बज कर 19 मिनट पर बुध ग्रह ने मकर से कुंभ राशि में प्रवेश ले लिया है। वैदिक जानकारी के अनुसार बृहस्पति आैर चंद्रमा को बुध का पितृ ग्रह माना जाता है। इसीलिए इस बुध में इन दोनों ग्रहो की विशेषतायें पार्इ जाती हैं। कुंडली में बुध ग्रह की उपस्थिति हमारी कम्यूनिकेशन स्किल, वकशलेषण करने की क्षमता और बुद्धि को प्रभावित करती है। इसलिए वकील, वैज्ञानिक, सेल्स प्रोफेशनल आैर कलाकारों की कामयाबी आैर नाकामयाबी के पीछे इस ग्रह का प्रभाव माना जाता है।
शुक्र का ग्रह गोचर
शुक्र ग्रह ने 29 जनवरी 2019 को वृश्चिक राशि से धनु राशि में प्रवेश किया था आैर अब इससे निकल कर 24 फरवरी को मकर राशि में प्रवेश करेंगे। इस स्थान पर वो 22 मार्च तक रहेंगे। शुक्र को भारतीय ज्योतिष में एक स्त्री ग्रह के रूप में पहचाना जाता है जबकि पश्चिम में इसे सौंदर्य का प्रतीक कहा जाता है। वैदिक ज्योतिष में ये वृषभ और तुला राशियों का स्वामी माना जाता है। हमारी कुंडलियों में ये विवाह, संतान आैर प्रेम का ग्रह माना जाता है। एेसा माना जाता है जिनकी कुंडली में शुक्र प्रभावी होता है उनको धन आैर वैभव की प्राप्ति होती है।