Move to Jagran APP

आखिरी मुहूर्त 14 जुलाई को फिर देवउठनी एकादशी यानी 11 नवंबर से फेरे लिए जा सकेंगे

चूंकि विवाह के लिए आकाश मंडल में गुरु व शुक्र तारा का उदित रहना जरूरी माना जाता है, इसलिए शुक्र तारा के अस्त होने के बाद विवाह नहीं होते।

By Preeti jhaEdited By: Published: Sat, 09 Jul 2016 04:57 PM (IST)Updated: Sat, 09 Jul 2016 05:12 PM (IST)
आखिरी मुहूर्त 14 जुलाई को फिर देवउठनी एकादशी यानी 11 नवंबर से फेरे लिए जा सकेंगे

इस साल अप्रैल के अंत में शुक्र तारा अस्त होने के साथ ही वैवाहिक कार्य पर रोक लग गई थी। जुलाई में शुक्र तारा के उदय होने के बाद विवाह के मुहूर्त शुरू हुए, लेकिन 15 जुलाई को देवशयनी एकादशी के बाद फिर से विवाह पर रोक लग जाएगी। अब 15 जुलाई से पहले विवाह के लिए सिर्फ पांच मुहूर्त हैं। आखिरी मुहूर्त 14 जुलाई को है। फिर देवउठनी एकादशी यानी 11 नवंबर से फेरे लिए जा सकेंगे।

loksabha election banner

चूंकि विवाह के लिए आकाश मंडल में गुरु व शुक्र तारा का उदित रहना जरूरी माना जाता है, इसलिए शुक्र तारा के अस्त होने के बाद विवाह नहीं होते। जुलाई से विवाह के मुहूर्त शुरू हुए हैं, लेकिन छह दिन बाद देवशयनी एकादशी से सभी तरह के शुभ संस्कारों पर रोक लग जाएगी और जब देवगण चातुर्मास के बाद देवउठनी एकादशी (तुलसी पूजा) के दिन जागेंगे उसके बाद फिर शुभ संस्कार किए जा सकेंगे। देवउठनी एकादशी 11 नवंबर को पड़ रही है, इस दिन तुलसी व सालिग्राम के विवाह की परंपरा निभाने के बाद विवाह मुहूर्त शुरू होंगे। इस साल नवंबर में 8 व दिसंबर में 7 यानी कुल 15 मुहूर्त श्रेष्ठ हैं और उसके बाद मलमास शुरू हो जाएगा और फिर वर्ष 2017 जनवरी में मकर संक्रांति के बाद ही फेरे लिए जा सकेंगे। माह मुहूर्त जुलाई 10, 11, 12, 13 व 14 अगस्त मुहूर्त नहीं सितंबर मुहूर्त नहीं अक्टूबर मुहूर्त नहीं नवंबर 11, 12, 16, 23, 24, 25 व 30 नवंबर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.