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महिषमर्दिनी से नंदा का मिलन

नंदा देवी लोकजात के दौरान मंगलवार को मां नंदा की डोली का गंडासू में महिषासुर मर्दिनी मंदिर में मिलन हुआ। मिलन के क्षणों को देखकर श्रद्धालुओं की आंखें छलछला उठी।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 09 Sep 2015 02:44 PM (IST)Updated: Wed, 09 Sep 2015 02:49 PM (IST)
महिषमर्दिनी से नंदा का मिलन

गोपेश्वर नंदा देवी लोकजात के दौरान मंगलवार को मां नंदा की डोली का गंडासू में महिषासुर मर्दिनी मंदिर में मिलन हुआ। मिलन के क्षणों को देखकर श्रद्धालुओं की आंखें छलछला उठी।

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मंगलवार सुबह से ही मां नंदा देवी की पूजा अर्चना के लिए जाखणी व राज राजेश्वरी की पूजा अर्चना के लिए चरबंग में श्रद्धालुओं का तांता लगा था। रात्रिभर लोक जागरों से श्रद्धालुओं ने मां नंदा की जयकार की। प्रात: पूजा अर्चना के बाद मां नंदा देवी की डोली जाखणी से चमतोली, कमेड़ा, बनाला होते हुए 10 किमी दूरी तय कर रात्रि विश्रम के लिए गंडासू पहुंची। परंपरा अनुसार नंदा की डोली गंडासू के महिषासुर मर्दिनी मंदिर में पहुंचने पर देव डोली का मिलन हुआ।

इस दौरान सैकड़ों श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना कर मां नंदा व महिसाषुर मर्दिनी से आशीर्वाद लिया। दूसरी ओर राज राजेश्वरी मां की डोली चरबंग से सुबह 10 किमी की दूरी तय कर कुंडबगड़ धरगांव, घाट शिव मंदिर होते हुए फाली पहुंची। घाट के शिव मंदिर में लोकजात यात्र के दौरान पूजा अर्चना भी हुई। इस लोकजात यात्र में गांवों में खासा उत्साह है। लोग मां नंदा राज राजेश्वरी की इस यात्र का इंतजार गांवों की सीमाओं पर कर रहे हैं। श्रद्धालुओं में मां नंदा देवी की डोली को ले जाने की भी होड़ है। इस अवसर पर नंदा देवी सिद्धपीठ कुरुड़ के अध्यक्ष भागवत सिंह, पूर्व अध्यक्ष हयात सिंह कठैत, पुजारी मंशाराम गौड़, राकेश चंद्र, दिनेश, विजय प्रसाद, मुंशीचंद्र सहित कई लोग शामिल हैं।


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