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रामायण के इस एक मंत्र के जाप से मिलता है संपूर्ण रामायण पढ़ने का फल

हिंदू धर्म में तैंतीस करोड़ देवी-देवताओं की मान्यता है, जबकि रामायण के अरण्यकांड के चौदहवे सर्ग के चौदहवे श्लोक में सिर्फ तैंतीस देवता ही बताए गए हैं।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 28 Feb 2017 11:54 AM (IST)Updated: Wed, 05 Jul 2017 11:23 AM (IST)
रामायण के इस एक मंत्र के जाप से मिलता है संपूर्ण रामायण पढ़ने का फल
रामायण के इस एक मंत्र के जाप से मिलता है संपूर्ण रामायण पढ़ने का फल

 धर्म शास्त्रों के अनुसार, रामायण का पाठ करने से पुण्य मिलता है और पाप का नाश होता है, लेकिन वर्तमान समय में संपूर्ण रामायण पढ़ने का समय शायद ही किसी के पास हो। ऐसे में नीचे लिखे एक मंत्र का रोज विधि-विधान से जप करने से संपूर्ण रामायण पढ़ने का फल मिलता है। इस मंत्र को एक श्लोकी रामायण भी कहते हैं।

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भगवान राम को समर्पित दो ग्रंथ मुख्यतः लिखे गए है एक तुलसीदास द्वारा रचित ‘श्री रामचरित मानस’ और दूसरा वाल्मीकि कृत ‘रामायण’। इनके अलावा भी कुछ अन्य ग्रन्थ लिखे गए है पर इन सब में वाल्मीकि कृत रामायण को सबसे सटीक और प्रामाणिक माना जाता है। लेकिन बहुत कम लोग जानते है की श्री रामचरित मानस और रामायण में कुछ बातें अलग है जबकि कुछ बातें ऐसी है जिनका वर्णन केवल वाल्मीकि कृत रामायण में है।

यह मंत्र इस प्रकार है-

मंत्र

आदि राम तपोवनादि गमनं, हत्वा मृगं कांचनम्।

वैदीहीहरणं जटायुमरणं, सुग्रीवसंभाषणम्।।

बालीनिर्दलनं समुद्रतरणं, लंकापुरीदाहनम्।

पश्चाद् रावण कुम्भकर्ण हननम्, एतद्धि रामायणम्।।

जाप विधि

सुबह जल्दी नहाकर, साफ वस्त्र पहनकर भगवान श्रीराम की पूजा करें।

भगवान श्रीराम के चित्र के सामने आसन लगाकर रुद्राक्ष की माला लेकर इस मंत्र का जाप करें। प्रतिदिन पांच माला जप करने से उत्तम फल मिलता है।

आसन कुश का हो तो अच्छा रहता है।

एक ही समय, आसन व माला हो तो यह मंत्र जल्दी ही सिद्ध हो जाता है।

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